जयपुर : राजस्थान में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राजधानी जयपुर में महामंथन किया गया. मौका था राजस्थान अक्षय ऊर्जा बिजनेस प्रमोशन सम्मेलन, जिसका शुभारम्भ ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने किया. इस दौरान नागर ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है. इसके माध्यम से किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली देने के प्रयास होंगे.
राजस्थान इंटरनेशनल सेन्टर में आयोजित कार्यक्रम में नागर ने कहा कि हमारी सरकार ने मात्र 7 माह की अल्पावधि में कुसुम सी योजना में 4 हजार 386 मेगावाट के प्रोजेक्टों के एलओआई जारी कर दिए हैं. इन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को धरातल पर मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ऊर्जा उपक्रमों की मजबूत साझेदारी से राजस्थान जल्द ही ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि अन्य राज्यों को बिजली उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
कार्यक्रम में आरवीयूएन तथा गेल इंडिया के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए. इस एमओयू के माध्यम से गेल इंडिया धौलपुर में स्थापित 330 मेगावाट तथा रामगढ़ में स्थापित 270 मेगावाट के गैस आधारित बिजली संयत्रों को कुशल एवं उपयुक्त क्षमता पर संचालन के लिए संयुक्त उद्यम के माध्यम से हस्तांतरित करने की संभावनाओं को तलाशने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में उचित दर पर गैस की सुनिश्चित आपूर्ति करेगा. साथ ही, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 750 मेगावाट सौर ऊर्जा और 250 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हो सकेंगी. इसके माध्यम से 4200 करोड़ रूपए का निवेश होगा. गेल इंडिया की तरफ से कंपनी के कार्यकारी निदेशक सुमित किशोर एवं राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक देवेंद्र श्रृंगी ने हस्ताक्षर किये. इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का पश्चिमी भू-भाग राजस्थान को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बिजनेस समिट में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हितधारक अपने सुझावों व समस्याओं को साझा करेंगे. उनके उचित सुझावों एवं समस्याओं पर सरकार सहानभूति से विचार करेगी और आवश्यक होने पर नीतिगत बदलाव भी करेगी.
नागर ने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में राजस्थान को केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग एवं मार्गदर्शन मिल रहा है. सरकार बनने के दो माह बाद ही हमने एनटीपीसी, कोल इंडिया, पावर ग्रिड, सतलज जल विद्युत निगम तथा आरईसी जैसे देश के प्रतिष्ठित सार्वजनिक उपक्रमों के साथ 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे. इससे आने वाले समय में 31 हजार 825 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और प्रसारण तंत्र भी मजबूत होगा. ऊर्जा मंत्री ने अपने हाल के दिल्ली दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देश पर राजस्थान को केंद्र ने अपने अनावंटित कोटे से 265 मेगावाट अतिरिक्त बिजली प्रदान की है. उन्होंने बताया कि इसे मिलाकर वर्तमान में राजस्थान को इस विषम परिस्थिति में अनावंटित कोटे से एक हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है जिससे निर्बाध आपूर्ति बनाये रखने में मदद मिली है. नागर ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को 2 हजार मेगावाट बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने में भी भरपूर सहयोग के लिए आश्वस्त किया है.
कार्यक्रम में ACS एनर्जी आलोक, प्रमुख सचिव(CM) आलोक गुप्ता,गेल CMD संदीप गुप्ता, गेल ED सुमित किशोर,RVPNL के MD नथमल दिडेला, JS एनर्जी गिरधर, कार्यवाहक डायरेक्टर टेक्निकल SS नेहरा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे...कार्यक्रम से पहले शुरुआत में 2 मिनट का मौन रखकर सभी ने विधायक अमृतलाल मीणा के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया.