जयपुर: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और प्रचार अपने परवान पर है. लेकिन इस चुनाव में राजस्थान का फैक्टर काफी अहम है. महाराष्ट्र में कुछ जगह राजस्थानी मूल के नेता चुनाव लड़ रहे हैं, तो कई जगह चुनाव प्रचार की कमान ही राजस्थान के नेताओं ने संभाल रखी है. कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुंबई में डेरा डाले हैं, तो भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ताकत झोंक दी है. कांग्रेस के कई पूर्व मंत्री, विधायक और नेता महाराष्ट्र में प्रचार में जुटे हैं. हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का दंगल हो रहा है. हरियाणा में भी राजस्थान के नेताओं ने जमकर प्रचार किया था, तो अब महाराष्ट्र में भी प्रदेश के नेताओं ने कमान संभाल रखी है.
कांग्रेस की बात करें, तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बतौर सीनियर ऑब्जर्वर मुंबई और कोंकण संभाग में डेरा डाले हुए हैं. गहलोत के नेतृत्व में ही प्रदेश के कई कांग्रेसी नेता महाराष्ट्र के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में प्रचार में जुटे हैं. गहलोत को मुंबई-कोकण और ठाणे जैसे जगहों की जिम्मेदारी दी गई है, जो शिंदे शिवसेना का गढ़ माना जाता है. गहलोत के लिए चुनौती यह है कि यहां उन्हें शिवसेना (यूबीटी) के साथ तालमेल बैठाना होगा. क्योंकि शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर लंबे वक्त से खींचतान चल रही थी. राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे की मुंबई में हुई पहली बड़ी जनसभा के आयोजन में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई थी. साथ ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसभाएं भी कर रहे हैं. इस दौरान अशोक गहलोत ने बटेंगे तो कटेंगे और एक है तो सेफ है मुद्दे पर कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे शब्द काम में लिए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में डटे राजस्थान के कांग्रेसी दिग्गज:
-पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाल रखी है कमान
-बतौर सीनियर ऑब्जर्वर मुंबई और कोंकण संभाग में डेरा डाले हुए हैं गहलोत
-महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेताओं के साथ लगातार रणनीति बनाने में जुटे हैं
-विभिन्न प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं भी कर रहे हैं अशोक गहलोत
-पूर्व मंत्री डॉ रघु शर्मा व सुखराम बिश्नोई भी मुंबई में
-विधायक रफीक खान व अमीन कागजी भी कर रहे प्रचार
-RTDC के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने भी संभाली कमान
-कांग्रेस नेता पुखराज पाराशर भी कर रहे जनसंपर्क
-विधायक इंद्रा मीणा ने भी कांग्रेसी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे
-महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में राजस्थानी मूल के लोग रहते हैं
-कई सीटों को राजस्थानी वोटर्स करते हैं सीधा प्रभावित
-कुछ सीट पर राजस्थान मूल के लोग चुनाव भी लड़ रहे हैं
-ऐसे में राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं की भूमिका है काफी महत्वपूर्ण
अशोक गहलोत के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भी प्रचार का जिम्मा संभाला हुआ है. सचिन पायलट को कांग्रेस ने मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. मराठवाड़ा इलाके में विधानसभा की 46 सीटें हैं. यह इलाका किसी भी पार्टी का गढ़ नहीं रहा है. हालांकि, मराठा आरक्षण की वजह से इस बार एनडीए के लिए यहां की राह मुश्किल है. आरक्षण मुद्दे की वजह से मराठाओं का समर्थन कांग्रेस को मिल सकता है. डोटासरा मुंबई के उन क्षेत्रों में प्रचार पर फोकस करेंगे, जहां पर शेखावाटी क्षेत्र के वोटर्स बड़ी तादाद में है. लोकसभा चुनाव और हाल ही हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान डोटासरा का गमच्छा डांस काफी प्रसिद्ध हुआ था. ऐसे में मुंबई में भी डोटासरा का यह अंदाज देखने को मिल सकता है.