VIDEO: राजस्थान की नई खनन नीति होगी सरल, सहज और पारदर्शी, पॉलिसी के ड्राफ्ट पर मांगे प्रस्ताव शीघ्र जारी होगी अधिसूचना, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : प्रदेश की 33000 से अधिक खदानों के लिए राज्य सरकार नई नीति लागू करने के लिए जल्द ही माइनर मिनरल कंसेशन रूल्स लागू करेगी. खनन में रॉयल्टी वसूली ठेका प्रथा खत्म होगी. ईंट बनाने में लगे कुम्हारों को लाभ देने के लिए व्यावसायिक उपयोग में ईंट मिट्टी पर रॉयल्टी में छूट मिलेगी. बजरी रेट को कंट्रोल करने के लिए पोर्टल व्यवस्था भी लॉन्च किया जाएगा, जो बजरी उत्पादन से लेकर आमजन को उचित दर पर बजरी उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

नई खनन नीति में खान विभाग अवैध खनन के स्थानों को नियमित कर वैध खनन करने की दिशा में काम करेगा. हालांकि, इसके लिए विभाग की ओर से कई जिलों में पूर्व मैं ही जगह चिह्नित की जा चुकी है. वहीं, अवैध खनन पर जुर्माना राशि दो से तीन गुना किया जाना भी संभव है. ड्राफ्ट में वाहन जब्ती का प्रावधान भी शामिल है. गौरतलब है कि प्रदेश में 2015 के बाद इस तरह की बड़े स्तर पर खनन नीति राजस्थान सरकार लेकर आ रही है.

जीरो वेस्ट माइंस पॉलिसी का ड्राफ्ट
खान विभाग ने खदान से निकलने वाले वेस्ट से निजात दिलाने के लिए जीरो वेस्ट माइंस पॉलिसी का खाका भी तैयार किया है. इसमें वेस्ट का उपयोग तकनीक के जरिए  कराने और उसको उपयोगी कराने पर फोकस है. इसमें एम सेंड यूज और इसको बढ़ावा देने के लिए योजनाएं तैयार की गई हैं. नए नियमों में सरकारी भूमि पर चल रहे ओवरबर्डन डंपों की ई-नीलामी होगी, ताकि इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जा सके. निजी भूमि पर ओवरबर्डन डंपों के लिए विशेष व्यवस्था के तहत इसके निपटान का सरल आवेदन प्रक्रिया तय होगी. (एम-सेंड) के उत्पादन को बढ़ाने और नदी की रेत पर निर्भरता को कम करने के लिए एक नई एम-सेंड नीति तैयार होगी.

खान मालिक अगर खनन नियमों का उल्लंघन करेंगे तो उनको मिलने वाली खनन से जुड़ी तमाम सरकारी रियायतें खत्म कर दी जाएंगी, ऐसे में खान मालिक खान का संचालन नहीं कर सकेगा. इसके अलावा खान ट्रांसफर जैसे विकल्प भी खान मालिकों के लिए खुले रहेंगे. खदानों का सीमांकन से जुड़े विवाद भी विभाग समाधान कराएंगे. विवाद खत्म कराएंगे और नई रियायतें तय होगी.

- खान विभाग खनन से जुड़े विवादों को भी खत्म कराएगा.
- खनन में नई रियायतों ऑटो म्यूटेशन की शुरुआत करके नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा.
- सतर्कता विंग का डिवीजन कर खनन विंग में विलय होगा.
- खान विभाग में अवैध खनन को रोकने और वैध खनन को बढ़ावा दिलाने के लिए विभागीय कैडर का पुनर्गठन.
- अवैध खनन के खतरे के अनुपात में और पद सृजित करके विभागीय कैडर का पुनर्गठन करने का निर्णय.
- राजस्व संग्रह बढ़ाने और अवैध खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए कॉम्पैक्ट क्षेत्राधिकार के साथ एक समेकित इकाई बनाई जाएगी.
- सतर्कता विंग का डिवीजन करके खनन विंग में विलय होगा.
- क्षेत्रीय कार्यालयों को अधिक स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमताओं के साथ सशक्त बनाया जाएगा.
- विभागीय कर्मियों की क्षमता निर्माण के लिए प्रमुख तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू होंगी.
- जीएसआई, आईबीएम और अन्य संबंधित संस्थानों के सहयोग से विभागीय कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कैलेंडर बनाएंगे.
- विभाग में नए शामिल किए गए कर्मियों के लिए नियामक प्रावधानों से लेकर खनिज रियायत के लिए उपयोग की जाने वाली उन्नत तकनीक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित होंगे.

नई खनन नीति के अनुसार खातेदार की सहमति से सटी भूमि पर भी खनन हो सकेगा. एक हेक्टेयर से कम सरकारी भूमि में खनिज रियायत प्रदान करने के लिए प्रावधान संभव हैं. सार्वजनिक रूप से राज्य में खनिजों पर डेटा तैयार होगा. खनन के लिए टाइमलाइन तैयार होगी. अधिसूचित अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों की अधिक भागीदारी तय होगी. बजरी के लिए, पोर्टल का गठन होगा. इससे उपभोक्ता को सही रेट में बजरी मिल सकेगी. साथ ही अवैध बजरी के परिवहन पर भी रोक लगेगी.