VIDEO: वित्तीय वर्ष के शुरुआत में विभागों का राजस्व प्रदर्शन, सीएम ने संबंधित अधिकारियों को बेहतर मॉनिटरिंग के दिए निर्देश, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: वित्तीय वर्ष के पहले दो माह में कई जिलों की परफॉर्मेंस खासा खराब है. मासिक समीक्षा में सीएस और एसीएस वित्त की बार-बार चेतावनी के बाद इन जिलों के प्रदर्शन में सुधार न होना चिंताजनक माना जा रहा है. ऐसे में वित्त विभाग सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. 

वित्तीय वर्ष के शुरुआती 5 माह में स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन,पेट्रोलियम और आबकारी विभाग का प्रदर्शन अच्छा माना जा रहा है तो वहीं अन्य राजस्व वाले विभागों का काम भी संतोषजनक रहा है. दूसरी ओर कुछ जिलों का प्रदर्शन खराब होना खासा चिंताजनक माना जा रहा है. 

---रजिस्ट्रेशन एंड स्टाम्प विभाग---
-इस विभाग में राजस्व के लिहाज से सलूम्बर में 0.36 प्रतिशत,बालोतरा में 3.57 प्रतिशत और फलोदी में 3.18 प्रतिशत राजस्व प्राप्तियां आईं हैं. 
-सलूम्बर में वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 1.60 प्रतिशत,बालोतरा में 4.18 प्रतिशत और फलोदी में 6.14 प्रतिशत सफलता मिली है जो कि खासी कम है. 
-विभाग में राजस्व के लिहाज से अलवर को 101.63 करोड,जयपुर ग्रामीण को 87.85 करोड और बाड़मेर को 18.87 करोड राजस्व मिला है. 
-अलवर को वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 29.83 प्रतिशत,जयपुर ग्रामीण को वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 25.36 प्रतिशत, बाड़मेर को 21.92 प्रतिशत राजस्व मिला है. 
-जयपुर को 564.09 करोड और 16.39 प्रतिशत राजस्व मिला है तो जोधपुर कौ 100.76 करोड और 15.56 प्रतिशत राजस्व मिला है. 
-जोधपुर,सीकर,उदयपुर,कोटा और अजमेर संभाग का राजस्व 13 से 14 प्रतिशत तक है तो जयपुर,बीकानेर,भरतपुर,पाली और बांसवाड़ा संभाग को राजस्व 15 से 16 प्रतिशत तक है जो कि खासा अच्छा माना जा रहा है. 

कलेक्टर्स को दिए गए ये निर्देश
डीएलसी दरों के युक्तिसंगत निर्धारण के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
आचार संहिता बाद अब संपत्तियों के पंजीकरण के लिए कैम्प आयोजित करने का भी है निर्देश.

---परिवहन विभाग---
विभाग में राजस्व के लिहाज से चित्तौड़गढ़ 10.29 प्रतिशत,चूरू 10.68 प्रतिशत और प्रतापगढ़ 10.69 प्रतिशत सफलता के साथ निचले पायदान पर हैं.
विभाग में राजस्व के लिहाज से सलूम्बर 3.39 करोड यानि 19.14 प्रतिशत,बारां 10.73 करोड यानि 14.56 प्रतिशत और दौसा 15.75 करोड यानि 14.47 प्रतिशत राजस्व के साथ ऊपरी पायदान पर हैं. 
जयपुर शहर को 13.97 प्रतिशत और जोधपुर को 11.66 प्रतिशत राजस्व मिला है. 
उदयपुर  11.24 प्रतिशत, बांसवाड़ा  11.50 प्रतिशत,भरतपुर  11.87 प्रतिशत,जोधपुर  11.89 प्रतिशत और सीकर संभाग 12.06 प्रतिशत राजस्व के साथ निचले पायदान पर है. 
जयपुर संभाग को 13,34 प्रतिशत,कोटा संभाग को 13 प्रतिशत,अजमेर को 12.82 प्रतिशत, पाली को 12.41 प्रतिशत और बीकानेर संभाग को 12.22 प्रतिशत राजस्व मिला है. 

कलेक्टर्स को दिए ये निर्देश
उड़नदस्तों के प्रतिदिन किए जाने वाले चालानों और प्रतिदिन किए जाने वाली राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा के दिए न सीएस ने निर्देश. 

---आबकारी विभाग---
जयपुर,अलवर और जोधपुर ग्रामीण उन जिलों में शामिल हैं जिनके प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है. 
वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले जयपुर को 10.02 प्रतिशत,अलवर को 10.07 प्रतिशत और जोधपुर ग्रामीण को 10.37 प्रतिशत ही सफलता मिली है. 
जबकि विभाग में राजस्व के लिहाज से सांचोर 26.67 प्रतिशत,बांसवाड़ा 20.53 प्रतिशत और प्रतापगढ़  19.42 प्रतिशत राजस्व के साथ टॉप परफॉर्मर रहे. 
सांचोर ने 38.16 करोड,बांसवाड़ा ने 52.72 करोड,प्रतापगढ़ ने 28.46 करोड राजस्व हासिल किया है. 
उधर उदयपुर 14.36 प्रतिशत और जयपुर ग्रामीण 12.94 प्रतिशत राजस्व के साथ अच्छे प्रदर्शन वाले जिलों में शामिल है. 
संभागों के प्रदर्शन पर गौर करें तो जयपुर 11.01 प्रतिशत,बीकानेर 12.54 प्रतिशत,अजमेर 12.66 प्रतिशत, जोधपुर 12.87 प्रतिशत और सीकर 12.91 प्रतिशत राजस्व के साथ निचले पायदान पर हैं. 
वहीं बांसवाड़ा 128.54 करोड और 19.15 प्रतिशत,पाली 243 करोड और 16.26 प्रतिशत, उदयपुर 277.21 करोड और 14.44 प्रतिशत,भरतपुर 142.41 करोड और 13.56 प्रतिशत,कोटा 183.26 लाख और 12.98 प्रतिशत राजस्व के साथ टॉप परफॉर्मर संभाग हैं. 

कलेक्टर्स को ये दिए गए हैं एक्शन पॉइंट्स
-शराब की दुकानों का क्लस्टर बनाने के लिए एक सप्ताह के लिए ILR/ पटवारी नियुक्त करने होंगे. 
-लाइसेंसधारियों को नियमों के हिसाब से व्यापार करने की अनुमति दी जाए और उनकी गैर वाजिब प्रताड़ना बंद की जाए या इसकी समीक्षा की जाए. 
-लाइसेंस का उल्लंघन करने पर आबकारी विभाग ही कार्रवाई करे. 

---वाणिज्यिक कर विभाग---
-पाली 8.55 प्रतिशत,ब्यावर 9.03 प्रतिशत,सिरोही 10.31 प्रतिशत राजस्व के साथ कम प्रदर्शन वाले जिलों में शुमार हैं. 
-जैसलमेर को 22.62 करोड यानि 22.55 प्रतिशत,झुंझुनूं को 30.39 करोड यानि 21.90 प्रतिशत और दौसा को 23.99 करोड यानि 20.41 प्रतिशत राजस्व मिला है और वे टॉप परफॉर्मर जिले हैं. 
-जयपुर 1407.21 करोड यानि 13.81 प्रतिशत राजस्व और उदयपुर 206.91 करोड यानि 12.99 प्रतिशत राजस्व के साथ अच्छे प्रदर्शन वाले जिलों में शुमार है. 
-संभागों के प्रदर्शन को देखें तो सीकर 15.92 प्रतिशत,भरतपुर 15.55 प्रतिशत, जोधपुर 14.56 प्रतिशत,बीकानेर 13.82 प्रतिशत और बांसवाड़ा 13.73 प्रतिशत राजस्व के साथ टॉप परफॉर्मर संभाग हैं. 
-इसी के साथ पाली 9.75 प्रतिशत, अजमेर 11.96 प्रतिशत,कोटा 12.16 प्रतिशत, उदयपुर 12.63 प्रतिशत और जयपुर 13.54 प्रतिशत राजस्व पाने वाले संभाग हैं. 

कलेक्टर्स को दिए निर्देश
-जीएसटी के तहत पंजीकृत नकली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे कलेक्टर्स. 
-कोर्डिनेशन,ओरिएंटेशन और ट्रेनिंग पर देंगे ध्यान. 

---खान विभाग---
-विभाग में प्रदर्शन के लिहाज से सलूम्बर 3.60 प्रतिशत,जैसलमेर 4.62 प्रतिशत और बांसवाड़ा 5.30 प्रतिशत राजस्व के साथ निचले पायदान पर रहे. 
-टोंक 32.45 करोड यानि 23.92 प्रतिशत, सिरोही 45.02 करोड यानि 23.63 प्रतिशत,बारां 3.49 करोड यानि 20.53 प्रतिशत राजस्व के साथ टॉप परफॉर्मर जिले हैं. 
-भीलवाड़ा को 17.98 प्रतिशत और राजसमंद को 13 प्रतिशत राजस्व मिला है. 
-संभागों के प्रदर्शन को देखें तो बांसवाड़ा को 7.20 प्रतिशत,जोधपुर को 9.39 प्रतिशत,अजमेर को 10.35 प्रतिशत,भरतपुर को 12.13 प्रतिशत और जयपुर को 12.19 प्रतिशत राजस्व के साथ अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन वाला संभाग माना जा रहा है. 
-दूसरी ओर पाली को 14.78 प्रतिशत,उदयपुर को 14.63 प्रतिशत,बीकानेर को 13.92 प्रतिशत, सीकर को 13.22 प्रतिशत,कोटा को 12.46 प्रतिशत राजस्व मिला है. 

कलेक्टर्स को ये काम करने होंगे
-कलेक्टर्स को राजस्व समीक्षा बैठक में स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की गतिविधियों की भी समीक्षा करनी होगी. 
-कलेक्टर्स तहसीलदारों / SDO को एलआर एक्ट के तहत बकाया वसूली के लिए डिफॉल्टर्स से प्राथमिकता के आधार पर संपत्ति का ब्योरा लेने के लिए निर्देशित कर सकते हैं. 
-अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनन इंजीनियरों को समय पर पुलिस बल की उपलब्धता हो जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके. 

जिन जिलों का प्रदर्शन राजस्व के हिसाब से दस प्रतिशत या इससे कम है उस पर सीएस ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को फोकस करते हुए बेहतर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं.