नई दिल्लीः दक्षिण कोरिया में 'मार्शल लॉ' पर बवाल हो गया है. राष्ट्रपति यून सुक योल ने मार्शल लॉ (इमरजेंसी) लगाने का ऐलान किया है. योल ने विपक्ष को सत्ता-विरोधी ताकत और लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया है, मार्शल लॉ के ऐलान के बाद सुरक्षाबलों ने संसद को सील कर दिया था.
लेकिन सभी सांसदों द्वारा एकतरफा इसे हटाने के पक्ष में मतदान किया गया. ऐसे में राष्ट्रपति ने मात्र 6 घंटे के भीतर ही मार्शल लॉ हटाने का फैसला किया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब राष्ट्रपति यून सुक योल पर दबाव बढ़ा गया है. इस्तीफा नहीं देने पर महाभियोग के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
बता दें कि मार्शल लॉ लागू होने के बाद से ही विपक्षी दल इसके विरोध में उतर आए. जबकि सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं ने भी इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानकि बताया. राष्ट्रपति की अपनी पार्टी के नेता हैन डोंग-हून ने भी इस फैसले की आलोचना की. इसके साथ ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. और हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. जिसके बाद यून सुक-योल को बैकफुट पर आना पड़ा. और मार्शल लॉ को खत्म किया.