VIDEO: स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की कामयाबी, कृषि यंत्र, मशीनरी परीक्षण और प्रशिक्षण केंद्र के नए आयाम, देखिए ये खास रिपोर्ट

बीकानेर: बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि यंत्र एवं मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र ने हाइटेक खेती की ओर कदम बढ़ाते हुए नए आयाम स्थापित किये हैं. किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्रों से खेती करने के लिए प्रेरित करते हुए संस्थान ने पिछले 12 वर्षों में देश के 14 राज्यों के 1800 से अधिक कृषि यंत्रों का परीक्षण किया है. इससे केंद्र को 12 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व मिला है. स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. देवाराम सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में ऐसे 31 केंद्र हैं.

इन केंद्रों में ऐसे कृषि यंत्रों का परीक्षण होता है, जिन्हें केंद्र अथवा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध करवाया जाता है. प्रदेश में बीकानेर के अलावा उदयपुर में ऐसा केंद्र है. उन्होंने बताया कि कुलपति डॉ. अरुण कुमार के नेतृत्व में गत समय में यहां अनेक नवाचार किए गए हैं, जिनका किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है. यह केंद्र, विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण अंग है. विश्वविद्यालय के राजस्व वृद्धि की दृष्टि से भी यह केंद्र अपनी विशेष पहचान रखता है. 

वहीं केंद्र प्रभारी इंजीनियर विपिन लढ्ढा ने कृषि यंत्र एवं मशीनरी परीक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बीकानेर के केंद्र को गत 12 वर्षों में 14 राज्यों के 2 हजार 450 कृषि यंत्र परीक्षण के लिए प्राप्त हुए. अब तक इनमें से 1800 से अधिक का परीक्षण कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा तीन स्तर पर यह परीक्षण किए जाते हैं. परीक्षण के पश्चात इसकी रिपोर्ट तैयार की जाती है. उन्होंने बताया कि केंद्र में परीक्षण के लिए सबसे अधिक यंत्र पंजाब, हरियाणा और गुजरात से प्राप्त होते हैं. वहीं प्रशिक्षण में आने वाले यंत्रों में अधिक संख्या रोटावेटर, थ्रेशर, हैरो, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल इत्यादि की होती है.

कृषि यंत्र एवं मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र में परीक्षण के उपरांत कई बार यंत्र निर्माता अपना यंत्र वापस नहीं ले जाते. इन यंत्रों का उपयोग किसानों को हो सके, इसके मध्यनजर केंद्र द्वारा कस्टम हायरिंग सिस्टम प्रारंभ किया गया है. इसके तहत किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्र 100 से लेकर 500 रुपए प्रति दिवस किराए के हिसाब से उपलब्ध करवाई जाते हैं. यह ऐसे किसानों के लिए उपयोगी साबित होते हैं, जो ऐसे यंत्र क्रय नहीं कर सकते. अब तक जिले और आसपास के क्षेत्रों के 200 से ज्यादा किसानों ने इनका लाभ उठाया है.