राजधानी के आगरा रोड इलाके का नहीं हैं कोई धणी-धोरी, इकॉलोजिकल जोन को कंक्रीट का जंगल बनाने की तैयारी

जयपुरः राजधानी के आगरा रोड इलाके को कोई धणी-धोरी नहीं है. यही कारण है कि इस इलाके में बड़े पैमाने पर बेरोकटोक अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं. राजधानी का आगरा रोड इलाका भले ही मास्टर प्लान में संवदेनशील इकॉलोजिकल जोन में शामिल हो. लेकिन जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को इसकी रत्ती भर भी परवाह नहीं हैं. जेडीए के अधिकारियों की शह पर ही पूरे इकॉलोजिकल जोन को कंक्रीट के जंगल में बदलने की तैयारी चल रही है. 

जबकि इस इकॉलोजिकल जोन में घनी बसावट में संबंधित कोई भी निर्माण नहीं करने के हाईकोर्ट के सख्त आदेश हैं, इसके बावजूद इस इकॉलोजिकल जोन को कंक्रीट के जंगल में बदलने की इस कवायद को रोकने के लिए जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है. आगरा रोड इलाके में हर तरफ अवैध कॉलोनियां काटकर भू कारोबारियों की तो बल्ले-बल्ले हो रही है. लेकिन यहां के पर्यावरण और नगर नियोजन को हो रहे नुकसान से कई लोग दुखी है. यहां अवैध कॉलोनियां बसाने का खेल खुलेआम चल रहा है . मेन आगरा रोड पर अयोध्या नगर, श्रीराम नगर और सामरिया रोड पर नरेन्द्र मोहन नगर जैसी अवैध कॉलोनियों के रंग-बिरंगे और आकर्षक साइट प्लान, ब्रोशर्स और पप्मलैट्स प्रोपर्टी बाजार में खूब चर्चित है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि किस तरह इस इकोलोजिकल जोन की आबो हवा को खत्म करने का खेल चल रहा है.

-मेन आगरा रोड पर राठौड़ पेट्रोल पंप के सामने करीब चार हेक्टेयर भूमि पर श्रीराम नगर के नाम से अवैध कॉलोनी काटी जा रही है
-खुदाबादी गृह निर्माण सहकारी समिति के बैक डेट के पट्टों पर श्रीराम नगर कॉलोनी के भूखंड काटे जा रहे हैं
-जिस भूमि पर यह कॉलोनी काटी जा रही है उस भूमि की जमाबंदी ब्ल्यू डायमंड बिल्ड होम जरिए निदेशक रामप्रकाश गंभीर
-निवासी श्याम नगर जनपथ के नाम दर्ज है
-इस कॉलोनी में सौ से अधिक आवासीय भूखंड चालीस हजार रुपए प्रति वर्ग गज तक की कीमत पर बेचने की तैयारी है
-इस अवैध कॉलोनी को लेकर कई शिकायतें पहुंचने के बाद जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने इस कॉलोनी में सात अक्टूबर को कार्रवाई की थी
-अवैध कॉलोनी के मुख्य दरवाजे को ध्वस्त किया गया था और सड़कें उखाड़ी गई थी
-लेकिन जेडीए की कार्रवाई के अगले दिन से कॉलोनी में निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गए
-आगरा से जयपुर की तरफ चलने पर यहीं से थोड़ी दूर आगे कानोता पुलिया के पास अयोध्या नगर के नाम से अवैध कॉलोनी काटी जा रही है
-इस कॉलोनी में पहाड़गंज गृह निर्माण सहकारी समिति के बैक डेट के पट्टे दिए जा रहे हैं
-इस अवैध कॉलोनी में भी आगरा रोड की तरफ दुकानों के भूखंड रखे गए हैं, जिनकी कीमत एक-एक करोड़ रुपए रखी गई है
-आवासीय भूखंडों की कीमत भी तीस से चालीस हजार रुपए प्रति वर्ग गज बताई जा रही है
-जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सात अक्टूबर को श्रीराम नगर में तो कार्रवाई की लेकिन इस अवैध कॉलोनी अयोध्या नगर पर आंख उठा कर नहीं देखा
-अवैध कॉलोनी में अयोध्या नगर काटने वाले भू कारोबारियों में राजनेता भी शामिल हैं
-इसी राजनीतिक रसूखात के चलते जेडीए के प्रवर्तन अधिकारियों को यह कॉलोनी दिखाई नहीं दे रही है
-इसी तरह अवैध कमर्शियल और आवासीय कॉलोनी काटने का मामला कानोता में मैन सामरिया रोड का है ,
-यहां अवैध रुप से बसाए जा रहे नरेन्द्र मोहन नगर में भू कारोबारियों ने आवासीय भूखंडों से ज्यादा दुकानों के लिए भूखंड सृजित किए हैं
 -ईकोलॉजिकल जोन में आ रही इस कॉलोनी के नक्शे में 370 आवासीय भूखंड रखे हैं
-तो 480 कॉमर्शियल दुकानें बेचने के लिए रखी है
-पहाडग़ंज गृह निर्माण सहकारी समिति जयपुर के बैकडेट में पट्टे देकर यह अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है
-यह कॉलोनी जयपुर के दो रसूखदार परिवार के लोगों की जमीन पर बसाई जा रही हैं
-जिनमें से एक जयपुर के नामचीन पूर्व ठिकानेदार हैं तो दूसरा प्रभावशाली राजनीतिक परिवार है
-इस अवैध कॉलोनी के बसाने व बेचने में स्थानीय भू माफिया भी है, जिनमें से एक तो पटवारी के नाम से ख्यातनाम है
-अवैध कॉलोनी बसाने में रसूखदार परिवारों व व्यक्तियों के चलते शिकायतों के बावजूद नहीं की जा रही कोई कार्रवाई

जिस आगरा रोड इलाके को लेकर जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारी जानबूझकर बेफिक्र है. उस इलाके का शहर के भौगोलिक दृष्टि से विशिष्ट महत्व है. अनुभवी नगर नियोजकों ने यहां के पर्यावरणीय महत्व और आबो हवा को देखते हुए इसे इकॉलोजिकल जोन में शामिल किया था. यहीं कारण है कि गुलाब कोठारी प्रकरण में हाईकोर्ट ने इसको लेकर सख्त आदेश दिए हैं. आपको बताते हैं आगरा रोड इलाके में किस तरह हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं और अगर जेडीए इच्छा शक्ति दिखाए तो किस तरह अवैध बसावट की इन कारगुजारियों को रोका जा सकता है.

-शहर का पिछला मास्टर प्लान वर्ष 2011 तक के लिए लागू था
-इस मास्टर प्लान में आगरा रोड सहित बड़े इलाके को इकॉलोजिकल जोन में दर्शाया गया
-इसके पीछे वजह यह थी कि यहां की प्रकृति व पर्यावरण को देखते हुए  यहां कम से कम बसावट रखा जाना जरूरी था
-जेडीए ने सितंबर 2011 में शहर का मौजूदा मास्टर प्लान लागू कर दिया
-वर्ष 2025 तक के लिए लागू इस मास्टर प्लान में पूर्व के मास्टर प्लान में दर्शाए लैंड यूज से बदल दिया गया
-गुलाब कोठारी प्रकरण में 12 जनवरी 2017 को जोधपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया
-इस आदेश में कहा किया कि जिस इलाके का लैंड यूज पिछले मास्टर प्लान में इकॉलोजिकल रहा है
-उस इलाके के लैंड यूज को मौजूदा मास्टर प्लान में इकॉलोजिकल ही माना जाए
-जिस मामले में हाईकोर्ट इंतना गंभीर है उसमें जेडीए के प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों की लापरवाही पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है
-बेतरतीब कट रही अवैध कॉलोनियां हाईकोर्ट के आदेशों की घोर अवमानना है
-सात साल पहले गुलाब कोठारी प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बड़े पैमाने पर यह अवैध कॉलोनियां बसी हैं
-यह खेल अब भी जारी है यही कारण है कि मेन रोड पर कानोता आनंद, कानोता गांव में भवानी नगर,बसंत कुंज,
-तो बस्सी में दुर्गा रेजीडेंसी,श्री बालाजी नगर,बलवेरी धाम आदि अवैध कॉलोनियां परवान चढ़ रही हैं.
-जानकारों के अनुसार अवैध कॉलोनियां काटने के मामले में राजस्थान काश्तकारी अधिनियम  के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान
-बिना स्वीकृति अवैध रूप से कृषि भूमि के भू उपयोग बदलने पर खातेदारी अधिकार निरस्त किए जा सकते हैं
-जेडीए की ओर से भी इन मामलों में यहीं कार्रवाई करने का ढोल पीटा जाता है
-लेकिन अब तक जेडीए ने ऐसी कोई खास कार्रवाई नहीं
-अगर काश्तकारी अधिनियम के तहत खातेदारी अधिकार निरस्त करने का जेडीए अगर बड़ा एक्शन ले तो
-इकॉलोजिकल जोन की इस खुली आबोहवा को बचाया जा सकता है