रिपोर्टर- दिनेश डांगी
जयपुरः राजस्थान में पिछले दस साल में हुए विधानसभा और लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस का ही हमेशा पलड़ा भारी रहा है. यानि कांग्रेस सत्ता में रहे या विपक्ष में उपचुनावों को जीतने की कांग्रेस की स्ट्राइक रेट बेहतर रही है.2014 से लेकर 2024 तक टोटल 20 विधानसभा और लोकसभा सीटों पर उपचुनाव राजस्थान में हुए है.जिनमें से कांग्रेस ने 14 और चार सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है.एक-एक सीट खींवसर आरएलपी के खाते में और बागीदौरा सीट बाप के खाते में गई.
राजस्थान में अक्टूबर या नवम्बर में 5 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने है. लिहाजा तमाम सियासी दलों ने इसके लिए अभी से जंग की तैयारियां शुरु कर दी है. राजस्थान में पिछले दस साल में टोटल 20 विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव अब तक हो चुके हैं. जिनमें कांग्रेस ने तीन गुना ज्यादा सीटों पर जीत का परचम लहराया है..खास बात है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का राजस्थान में खाता तक नहीं खुला था. लेकिन 2018 में अलवर औऱ अजमेर सीटों पर हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिल गई..तो आइए ग्राफिक्स के जरिए आपको बताते है पिछले 10 साल में राजस्थान में हुए उपचुनाव के आंकड़ों औऱ रिजल्ट के बारे में.
2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही एक प्रत्याशी की मौत हो गई थी.उसके बाद वहां 2014 में उपचुनाव हुआ जिस पर बीजेपी के राजेन्द्र राठौड़ ने जीत दर्ज की.
विधानसभा उपचुनाव-2014:
साल 2014 में 4 सीटें नसीराबाद,वैर,सूरगढ़ औऱ कोटा दक्षिण सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे.उस वक्त बीजेपी सत्ता में थी और वसुंधरा राजे सीएम थी.उपचुनाव इसलिए हुए थे कि इन सीटों पर चुने गए विधायक बाद में सांसद निर्वाचित हो गए थे.चार सीटों में से भाजपा के खाते में सिर्फ कोटा दक्षिण की सीट आई और बाकी तीनों सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की.
फिर राजे सरकार में 2017 में धौलपुर सीट पर और अगले साल 2018 में भी मांडलगढ़ सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुआ.जिसमें धौलपुर सीट पर भाजपा ने और मांडलगढ़ सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की.
लोकसभा उपचुनाव 2018:
राजस्थान में 2018 में अजमेर औऱ अलवर सीट पर सांसद सांवर लाल जाट औऱ महंत चांदनाथ के निधन के चलते उपचुनाव हुए. खास बात रही है कि 2014 में कांग्रेस पार्टी का राजस्थान में खाता तक नहीं खुला था पर उपचुनाव में दोनों जगह कांग्रेस के सांसद जीते..अलवर डॉ कर्ण सिंह यादव औऱ अजमेर से रघु शर्मा सांसद का चुनाव जीते थे.
विधानसभा उपचुनाव-2019 से 2022 तक:
गहलोत सरकार के सत्ता में रहते हुए टोटल 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे. जिनमें से सात कांग्रेस ने और एक-एक सीट पर बीजेपी औऱ आरएलपी ने जीत दर्ज की. मंडावा,सुजानगढ़,सरदारशहर,सहाड़ा,धरियावद,वल्लभनगर और रामगढ़ सीट कांग्रेस के खाते में गई थी.भाजपा ने सिर्फ एक सीट राजसमंद पर औऱ आरएलपी ने खींवसर सीट पर जीत दर्ज की थी.
विधानसभा उपचुनाव-2024:
बीजेपी के सत्ता में आते ही दो सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए. महेन्द्रजीत सिंह मालवीय के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के चलते बागीदौरा सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुआ जिस पर बाप पार्टी ने जीत का परचम लहराया. वहीं 2024 के चलते विधानसभा चुनाव में श्रीकरणपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत हो गई. फिर उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के पाले में चली गई.
तो आपने देखा कांग्रेस का पिछले दस साल में उपचुनावों में ट्रेक रिकॉर्ड यकीनन बेहतरीन रहा है..जबकी 20 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने केवल 4 सीटे जीती है...ऐसे में ट्रेक रिकॉर्ड को देखते हुए बीजेपी को आगामी 5 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों में यकीनन पसीना बहाना होगा..क्योंकि इन अधिकतर सीटों पर भाजपा पिछले दो बार से हार का भी मुहं देखती आ रही है.