अजमेर: अजमेर दरगाह के बाहर भीड़ में भड़काऊ भाषण 'सिर तन से जुदा' नारा लगाने के मामले में आज फैसला आ गया. ADJ कोर्ट संख्या 4 ने मामले में 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जिसमें खादिम गौहर चिश्ती भी शामिल है. पूरे प्रकरण को लेकर 2 साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था.
इस दौरान 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे. सरकारी वकील गुलाम नजमी फारूकी ने बताया- जून 2022 में दरगाह की सीढ़ियों पर आरोपियों ने 'सिर तन से जुदा' के नारे लगाए थे. मामले में मामले में खादिम गौहर चिश्ती, अजमेर के ही रहने वाले ताजिम सिद्धिकी,फखर जमाली, रियाज हसन दल और मोईन खान और नासिर खान आरोपी थे.
मामला 17 जून 2022 का है जब मौन जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देने के बाद खादिम गौहर चिश्ती फरार हो गया था. उसे हैदराबाद में अहसानुल्लाह ने शरण दी थी. पुलिस ने गौहर चिश्ती को पकड़ लिया लेकिन अहसानुल्लाह फरार है. रिपोर्ट में बताया था कि 17 जून को दोपहर करीब 3 बजे उनकी ड्यूटी निजाम गेट पर थी.
उस दौरान मौन जुलूस निकाला जा रहा था. तब प्री-प्लान तरीके से कुछ खादिमों ने भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया. उन्होंने रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाकर सिर तन से जुदा के नारे लगाए थे. इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया था. इस घटना के कुछ दिन बाद ही उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड की वारदात सामने आई थी.
जांच में जुटी NIA ने अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती को रडार पर लिया था. भड़काऊ भाषण व नारेबाजी के बाद खादिम गौहर चिश्ती ने उदयपुर यात्रा की थी. जिला पुलिस SIT और पुलिस के गुप्तचर शाखा से NIA अधिकारियों ने गौहर की गतिविधियों के बारे में फीडबैक लिया था. इसके साथ ही गौहर की कुछ पुरानी संदिग्ध फोटो भी सामने आई थी.
जिसमें गौहर चिश्ती CRPF परिसर का VIDEO बनाते हुए दिख रहा था. हालांकि पूछताछ में गौहर चिश्ती से कुछ सामने नहीं आया था. कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद अब सरकारी वकील ने पुरे फैसले का अध्ययन करने के बाद इसे उच्च न्यायलय में चुनौती देने की बात कही है.