जयपुर: प्रदेश में मानसून की झमाझम बारिश के साथ ही खरीफ की बुवाई में तेजी आई है और किसान परिवार सहित खेत में जुट गया है. इस बार प्री मानसून की बारिश कमजोर रहने के कारण किसान ज्यादा मात्रा में देसी बाजार, ज्वार, मूंग, मोठ और तिल नहीं बो सके हैं. जहां प्री मानसून की बारिश नहीं हुई वहां किसानों ने जमीन में पलाव कर नमी पैदा कर चुका है और अब बुवाई की जा रही है. किसानों की माने तो 15 जुलाई तक बुवाई का काम पूरा हो जाएगा.
हर साल प्री मानसून की झमाझम बारिश के साथ प्रदेश के लाखों किसान खरीफ की बुवाई में जुट जाते हैं और मानसून की दूसरी बारिश में ही बीज अंकुरित हो जाता है. लेकिन इस बार प्री मानसून कमजोर रहा और किसान तय समय पर बुवाई नहीं कर सका. अब मानसून के साथ ही बुवाई के काम में तेजी आई है. किसानों का कहना है कि यदि 22 जून से पहले प्री मानसून की मेहर बरस जाती तो देसी बीजों को बोया जाता. लेकिन अब संकर बीज डाले जा रहे हैं.
खरीफ-2024 फसल बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
खरीफ फसल में अनाज बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
चावल का बुवाई लक्ष्य 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर
ज्वार का बुवाई लक्ष्य 6 लाख 10 हजार हैक्टेयर
बाजरा का बुवाई लक्ष्य 43 लाख 80 हजार हैक्टेयर
मक्का का बुवाई लक्ष्य 9 लाख 70 हजार हैक्टेयर
छोटे धान्य का बुवाई लक्ष्य 6 हजार हैक्टेयर
कुल बुवाई लक्ष्य 61 लाख 76 हजार हैक्टेयर
खरीफ फसल में दलहन बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
मूंग का बुवाई लक्ष्य 25 लाख हैक्टेयर
मोठ का बुवाई लक्ष्य 9 लाख 80 हजार हैक्टेयर
उड़द का बुवाई लक्ष्य 4 लाख 30 हजार हैक्टेयर
चौला का बुवाई लक्ष्य 60 हजार हैक्टेयर
अरहर का बुवाई लक्ष्य 8 हजार हैक्टेयर
दलहन का कुल बुवाई लक्ष्य 39 लाख 79 हजार हैक्टेयर
तिलहन फसलों के बुवाई लक्ष्य निर्धारित
मूंगफली का बुवाई लक्ष्य आठ लाख हैक्टेयर
तिल का बुवाई लक्ष्य 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर
सोयाबीन का बुवाई लक्ष्य 11 लाख 50 हजार हैक्टेयर
अरंडी का बुवाई लक्ष्य एक लाख 80 हजार हैक्टेयर
तिलहन बुवाई का कुल लक्ष्य 23 लाख 80 हजार हैक्टेयर
प्रदेश में खरीफ की बुवाई में इस बार 2 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी की गई है. खरीफ की अनाज फसलों में बाजरे की बुवाई का लक्ष्य 43 लाख 80 हजार हैक्टेयर रखा गया है. जबकि दलहन में मूंग 25 लाख हैक्टेयर में बोया जा सकता है. उधर, तिलहन में मूंगफली की बुवाई का लक्ष्य 11 लाख 50 हजार हैक्टेयर रखा गया है. मानसून लंबा चला तो किसानों को खरीफ में ज्यादा मुनाफा होने की उम्मीद है. ऐसे में प्रदेश में कृषि विभाग के तय लक्ष्यों से ज्यादा बुवाई हो सकती है.