जोधपुर: इंडियन एयरफोर्स की ओर से 22 साल पहले जो सपना देखा गया था, वो आज पूरा हो गया. इतने सालों की इंतजार के बाद एयरफोर्स को आज एलसीएच (हल्का लड़ाकू विमान) मिल गया. यह विमान नवरात्रि में अष्टमी के दिन यह एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हो गया और सेना की शक्ति बढ़ाएगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जोधपुर पहुंचे. रक्षा मंत्री की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस पर ये हेलिकॉप्टर शामिल किया गया. रक्षामंत्री द्वारा यहां लाइट कॉम्बैक्ट हेलिकॉप्टर को एयरफोर्स को सौंपने से पहले धर्मसभा का आयोजन किया गया. इस दौरान चारों समुदाय के धर्म गुरु मौजूद रहे..राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एलसीएच को नवरात्र से अच्छा समय और राजस्थान की धरती से अच्छी जगह नहीं हो सकती है. वीरों की धरती से नवरात्रि में इसकी शुरुआत हुई. एलसीएच के शामिल होने से वायुसेना की शक्ति बढ़ेगी. सारी शक्ति का बड़ा सूचक है एलसीएच. देश की स्वदेशी तकनीक पर गर्व है. एलसीएच को लेकर बोले विजय रथ तैयार है. सारी चुनौतियों पर एलसीएच खरा उतरा है. दुश्मनों को आसानी से चकमा दे सकता है.
करीब 3885 करोड़ रुपए की लागत से बने 15 एलसीएच फौज में शामिल किये गए हैं.तीन एलसीएच बेंगलुरु से जोधपुर पहुंच चुके है. बाकी 7 हेलिकॉप्टर भी अगले कुछ दिन में यहां पहुंच जाएंगे. इस स्क्वाड्रन के लिए एयरफोर्स के 15 पायलट्स को ट्रेनिंग दी गई है.इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे. अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है.
रडार को चकमा, कई मिसाइलें दागने में सक्षम
- इस हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है. इसमें कई तरह की मिसाइलें और हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं. इसमें अनगाइडेड बम और ग्रेनेड लॉन्चर लगाए जा सकते हैं.
- लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर एक बार में लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है. यह अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.
- यह अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ान भर सकता है. इसकी रेंज की बात करें तो यह 550 किलोमीटर हैं. इस हेलीकॉप्टर की लंबाई 51.10 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है.
- दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है.
- इसमें राडार से बचने की विशेषता, बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है.
देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए हरदम तैयार रहने वाली देश की सैन्य शक्ति में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है निश्चित रूप से डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर की ओर से यह कदम बढ़ाए गया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले दिनों में इसी तरह के कई नए रक्षा उपकरण और तकनीक देश को समर्पित किए जाएंगे.
...फर्स्ट इंडिया के लिए शिव प्रकाश पुरोहित की रिपोर्ट, जोधपुर