जयपुर : भजनलाल कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बनी खेमराज कमेटी की सिफारिशों का अनुमोदन तो कर दिया,लेकिन इसे सार्वजनिक और लागू करने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों का बड़ा वर्ग इसे सार्वजनिक करके लागू करने की मांग कर रहा है.
भजनलाल सरकार ने 1 सितंबर 2024 से सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की बजट घोषणा की थी. इसके बाद से ही कर्मियों के मन में दशकों पुरानी वेतन विसंगति दूर होने की आस जगी. 30 नवंबर को हुई भजनलाल कैबिनेट की बैठक में खेमराज कमेटी की सिफारिशें अनुमोदित तो कर दी हैं,लेकिन न तो इन्हें सार्वजनिक किया गया और न ही लागू करने के समय को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है.
ये हो सकतीं हैं खेमराज कमेटी की सिफारिशें
- पशु परिचर लेवल 1 से लेवल 3 करने का प्रस्ताव
- सहायक कर्मचारी के लेवल 1 से लेवल 2 करने का प्रस्ताव
- जमादार से एल 1 से एल 3 करने का प्रस्ताव
- पीएचईडी में मीटर रीडर को लेवल 4 से लेवल 5 करने का प्रस्ताव
- चिकित्सा में एलएचवी को एक लेवल ऊपर करने का प्रस्ताव
- पैरामेडिकल में नेत्र सहायक,डेंटल टेक्नीशियन की 1 ग्रेड पे बढ़ोतरी या विसंगति दूर करने का प्रस्ताव
- सर्किट हाउस के सभी कैडरों को फायदा दिलाने की कोशिश
- आयुर्वेद के प्रवक्ता या प्रोफेसर की ग्रेड पे में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
- आईसीडीएस में सहायक निदेशक और अतिरिक्त निदेशक के पद बढ़ाने का प्रस्ताव.
ये हैं प्रमुख मांगें
- खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करके लागू करने की मांग.
- सामंत कमेटी की भी सिफारिशों को उजागर करके लागू करने की मांग.
- ठेका प्रथा बंद करके सरकारी कंपनी का गठन किया जाए और इन कर्मियों को इस कंपनी के कर्मी बनाकर उन्हें जरूरी सुविधाएं दी जाएं.
- संविदा कर्मियों को या तो नियमित करने की मांग.
- आंगनबाड़ी कर्मियों,जनता जल कर्मियों को वैसे ही नियमित करने की मांग जिस तरह से पूर्व में अस्थायी कर्मियों को नियमित किया गया था.
- चयनित वेतनमान (एसीपी) का लाभ 9, 18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के सामान देने,
- ग्रामीण कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता देने की मांग.
- राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2022 बनाए हैं लेकिन इसकी विसंगति दूर नहीं की है.
- इसके मुताबिक कर्मचारी नियमित कर्मचारियों के बजाय कांट्रेक्चुअल नियमित कर्मचारियों के रूप में अलग से पहचाने जाएंगे और उनके वेतनमानों में भी नियमित कर्मचारियों की तुलना में काफी भिन्नता होगी.
- विभिन्न संवर्गों के पदनाम परिवर्तन सहित उनके सेवा नियम बनाने की मांग.
- सचिवालय में AS/PA-PS कैडर अलग करने संबंधी नियम संशोधन के अनुमोदन की मांग
सामंत कमेटी
- राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 को लागू किए जाने के बाद राज्य कर्मचारी संघों से वेतन विसंगति व वेतन सुधार संबंधी ज्ञापन समय समय पर राज्य सरकार को प्राप्त होते रहें हैं.
- इन प्रतिवेदनों का परीक्षण करने के लिए 3 नवंबर, 2017 को डी.सी. सामंत (सेवानिवृत आईएएस) की अध्यक्षता में वेतन विसंगति निवारण समिति का गठन किया गया था.
- इस समिति ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य सरकार को अपनी सिफारिश रिपोर्ट प्रस्तुत की. यह रिपोर्ट राज्य सरकार में परीक्षणाधीन हैं.
- सामंत कमेटी ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कई दौर की बैठकें कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी.
खेमराज कमेटी
- इसी तरह कर्मचारियों की वेतन विसंगति व वेतन सुधार को लेकर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 5 अगस्त, 2021 को खेमराज चौधरी (सेवानिवृत्त आईएएस) की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया.
- समिति की ओर से विभिन्न कर्मचारी संगठनों, विभागों से वेतन विसंगति व वेत सुधार के संबंध में प्रस्तुत ज्ञापनों सहित अन्य मांगों का परीक्षण किया गया. समिति ने 30 दिसंबर, 2022 को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी.
- इस रिपोर्ट की सिफारिशों को भजनलाल कैबिनेट ने 30 नवंबर 2024 को अनुमोदित किया है.
क्या हैं विसंगतियां ?
- कर्मचारियों के अनुसार वेतन विसंगति में सबसे मुख्य यह है कि एक ही भर्ती प्रक्रिया में चयनित होते है, लेकिन वेतन और पदोन्नति में विसंगति है.
- सचिवालय में 4200 और सचिवालय के बाहर चयनित कर्मचारियों को 3600 वेतन श्रृंखला मिलती है. इसी तरह केन्द्र और राज्य कर्मचारियों के वेतन को लेकर दोहरी प्रक्रिया बनी हुई है.
- गहलोत सरकार में हालांकि एसीपी संबंधी घोषणा से मामूली राहत मिली,लेकिन इससे मूल समस्या दूर नहीं हुई.
उधर कैबिनेट अनुमोदन बाद अब राज्यपाल के अनुमोदन और फिर खेमराज कमेटी रिपोर्ट को सार्वजनिक करके लागू किया जा सकता है.