कांग्रेस का बूथ का माइक्रो मैनेजमेंट का नया एक्शन प्लान, चलाएगी बीजेपी पर उसी का हथियार, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः कांग्रेस हाईकमान ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए अब उसके ही मॉडल को हथियार बनाने का फैसला लिया है. कांग्रेस बीजेपी के पन्ना प्रमुख मॉडल को अब एक तरह से कॉपी करेगी. इसके लिए बूथ पर माइक्रोमैनेजमेंट का एक्शन प्लान पार्टी ने बनाया है. पन्ना प्रमुख की तर्ज पर बूथ एजेंट्स को सारी जानकारी से लबरेज उनके बूथों की वोटर लिस्ट उन्हें दी जाएगी.

संगठन मजबूती के साथ कांग्रेस हाईकमान ने एक और टास्क को अब शिद्दत से अंजाम देने का फैसला लिया है. पार्टी अब बूथ मैनेजमेंट को काम को एक मिशन के तौर पर शुरु करेगी. दरअसल महाराष्ट्र चुनाव में वोटर लिस्ट में मिली भारी पैमाने पर धांधलियों के शिकायत के बाद कांग्रेस ने यह एक्शन प्लान बनाया है. आलाकमान ने तमाम अपनी प्रदेश इकाइयों को इस काम को गंभीरता से करने के निर्देश भी दे दिए हैं. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस कमेटी भी बूथ मैनेजमेंट के अभियान में जुट गई है.

कांग्रेस का बूथ मैनेजमेंट का नया एक्शन प्लान
भाजपा से मुकाबले के लिए उसी के सियासी हथियार से करेंगे काउंटर
पन्ना प्रमुख जैसे ही मॉडल को अपनाएगी कांग्रेस
बूथ मैनेजमेंट के काम में मिशन के तौर पर जुटेगी कांग्रेस
महाराष्ट्र चुनाव में वोटर लिस्ट में मिली गड़बड़ी के बाद कांग्रेस हुई अलर्ट
बूथ एजेंट को मुहैया कराई जाएगी नई जानकारी से जुड़ी वोटर लिस्ट
वोटर लिस्ट में जाति,मोबाइल नंबर और अन्य विशेष जानकारी भी उपलब्ध
माइक्रो मैनेजमेंट के जरिए बूथ लेवल पर मजबूती की है कांग्रेस की स्ट्रेटजी
बूथ से जुड़ा सारा डाटा रहेगा डिजिटल भी अवेलेबल

हालांकि कांग्रेस नेता बीजेपी के पन्ना प्रमुख मॉडल की कॉपी करने से साफ मना कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम हमारे नेताओं और संगठन की बदौलत इस टास्क को अंजाम देंगे. माइक्रो मैनेजमेंट के जरिए हम ब्लॉक,मंडल,गांव और शहरों में बूथ पर सक्रियता से काम करेंगे. एक-एक मतदाता से संपर्क में रहते हुए हमारी इस कमजोर कड़ी को दूर करेंगे. विधानसभा समन्वयकों और अन्य पदाधिकारियों को इस काम में जुटने का आह्वान कर दिया गया है.

इस बात में कोई शक नहीं है कि बूथ मैनेजमेंट हमेशा से कांग्रेस का कमजोर रहा है. चुनाव में सिर्फ प्रत्याशियों के भरोसे यह काम छोड़ दिया जाता है. जिसका खामियाजा फिर हार के रुप में भुगतना पड़ता है. लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने अब इस कमजोरी के दूर करने के लिए कोई समझौता नहीं करने की रणनीति अपनाई है. अब देखते है कांग्रेस की बूथ मैनेजमेंट की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है और कैसे बीजेपी से मुकाबला कर पाती है.

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