जयपुर: प्रदेश में भीषण गर्मी के दौरान भजनलाल सरकार ने पेयजल प्रबंधन के निर्देश दिए हैं, जबकि गर्मी के चलते बांधों तक के हलक सूख रहे हैं. जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 1 से 15 मई के बीच 18 बांध सूख चुके हैं. उधर,बांधों में वाष्पीकरण बढ़ गया, जिसके चलते जलस्तर में गिरावट दर्ज हो रही है.
भीषण गर्मी के बीच प्रदेश के बांधों में तेजी से हो रहा वाष्पीकरण
अकेले बीसलपुर बांध से इस वर्ष 4 TMC पानी हो चुका है वाष्पीकृत
बीसलपुर ओवरफ्लो होता तो 8.5 TMC पानी वाष्पीकृत हो जाता
जबकि बीसलपुर से पूरे साल पेयजल के लिए दिया जाता है 12 TMC पानी
उधर, प्रदेश के अन्य बांधों में गर्मी की अधिकता के चलते तेजी से उड़ रहा पानी
प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच 1 से 15 मई तक सूखे 18 बांध
पिछले साल से भारी पड़ रही गर्मी के चलते बांधों में तेजी से हो रहा वाष्पीकरण
बांध पर चल रही हवा, आद्रता, पानी का फैलाव और तापमान बढ़ाता है वाष्पीकरण
प्रदेश में मई की गर्मी बीते कई साल के रिकॉर्ड तोड़ रही है. तभी तो बांधों के सूखने का सिलसिला तेज हो गया है. पिछले 20 दिन की बात की जाए तो रोजाना एक बांध सूखने की जानकारी मिल रही है. उधर, भीषण गर्मी के बीच बड़े बांधों में वाष्पीकरण भी तेजी से हो रहा है. बीसलपुर बांध की बात की जाए तो इस साल अब तक 4 टीएमसी पानी वाष्पीकृत हो चुका है. जबकि पूरे साल 12 टीएमसी पानी पेयजल के लिए दिया जा रहा है. यह स्थिति प्रदेश के अन्य बड़े बांधों की है.
राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर
बांधों के जलस्तर में तेजी से आ रही गिरावट
मात्र डेढ़ माह के भीतर बांधों की कुल भराव क्षमता में 2.89 प्रतिशत की कमी
जबकि 1 से 15 मई के बीच कुल भराव क्षमता में 1.32 प्रतिशत की कमी
प्रदेश के बांधों में वर्तमान में कुल भराव क्षमता का 35.41 प्रतिशत
जोधपुर संभाग के 116 बांधों में कुल भराव क्षमता का मात्र 11 प्रतिशत पानी
जयपुर संभाग के 252 बांधों में कुल भराव क्षमता का मात्र 17.78 प्रतिशत पानी
उदयपुर संभाग के 181 बांधों में कुल भराव क्षमता का 22.85 प्रतिशत पानी
बांसवाड़ा संभाग के 59 बांधों में कुल भराव क्षमता का 38.36 प्रतिशत पानी
कोटा संभाग के 80 बांधों में कुल भराव क्षमता का 56.47 प्रतिशत पानी
मौसम विभाग की माने तो अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में गर्मी का कहर जारी रह सकता है और तापमान में 2 से 3 डिग्री की तेजी हो सकती है. ऐसे में अधिकतम तापमान 50 डिग्री से आसपास जा सकता है. जितनी तेज गर्मी पड़ेगी, उतनी तेजी से बांधों के जलस्तर पर असर दिखाई देगा. जोधपुर संभाग के बांधों में सबसे कम पानी है, जबकि जयपुर संभाग दूसरे नंबर पर है. कुल मिलाकर इस बार बांधों में पिछले साल से कम पानी रहा है. ऐसे में गर्मी के दौरान पेयजल प्रबंध के पुख्ता इंतजाम करने होंगे.