जयपुर: सचिवालय समेत अन्य सरकारी विभागों में ई फाइलिंग लागू करने के बाद अब अगले चरण में प्रमुख दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस बारे में सीएस उषा शर्मा के निर्देशों के बाद सचिवालय के अभिलेखागार को बीकानेर की तर्ज पर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. गहलोत सरकार ई गवर्नेंस की दिशा के एक अहम चरण की ओर आगे बढ़ रही है. इसके तहत अहम फाइल्स और दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
अब तक 65 से 70 हजार फाइल्स की ई फाइलिंग हो चुकी है.इसी के साथ उच्च अधिकारियों के निर्देश अनुसार विभागों से आई फाइल्स को उनकी प्राथमिकता और उपयोगिता अनुसार छांटा गया.इसके तहत ई फाइलिंग करने के बाद कुल एक लाख 65 हजार फाइल्स को अनुपयोगी और नष्ट करने योग्य माना गया.इनमें से एक लाख दस हजार फाइल्स नष्ट की जा चुकी हैं.
यह होगी डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया:
-अब एक कमेटी बनाकर उन महत्वपूर्ण फाइल्स को छांटा जाएगा जो डिजिटाइजेशन योग्य हैं.
-ऐसी फाइल्स या दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन होगा जो बेहद अहम हैं और स्थायी प्रकृति की हैं.
-ये ऐसे दस्तावेज होंगे जिनमें अहम नियम या प्रक्रिया की जानकारी होगी.
-पहले विभागों से आई फाइल्स में से अहम और स्थायी प्रकृति की फाइल्स की छंटनी होगी
-और फिर कमेटी तय करेगी कि कैसे डिजिटाइजेशन होगा और उसे अनुसार प्रक्रिया की जाएगी.
उधर प्रशासनिक सुधार विभाग प्रमुख सचिव ने विभागों को भी इस बारे में निर्देश जारी किए हैं.
ये हैं अहम निर्देश:
-ई फाइल मॉड्यूल लागू करके पत्रावलियों के रिकॉर्ड संबंधी निर्देश
-सचिवालय नियमावली के तहत अभिलेखागार में रिकॉर्ड करवाने या नष्ट करवाने के निर्देश
-अभिलेखागार में भेजने या नष्ट करने के लिए सूची उसकी धारण अवधि सहित तैयार करके दो प्रतियां भिजवाने के निर्देश
- सूची अनुसार रिकॉर्ड अभिलेखागार में भेजने के निर्देश
-इस सूची का अवलोकन हर 5 साल में करने के निर्देश
- ग्रुप अधिकारी और संबंधित डीएस की समिति करेगी अवलोकन
-पत्रावली अभिलेख की प्रगति रिपोर्ट हर माह 10 तारीख तक भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं.
इन निर्देशों के बाद सरकारी विभाग भी हरकत में आए हैं और फिलहाल प्रशासनिक सुधार विभाग की रिकॉर्ड शाखा में फाइलों का अंबार लगा हुआ है.