पीएम मोदी ने 3 नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, कहा-आज उत्तर से दक्षिण तक, देश की विकास यात्रा में एक और अध्याय जुड़ रहा

पीएम मोदी ने 3 नई वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, कहा-आज उत्तर से दक्षिण तक, देश की विकास यात्रा में एक और अध्याय जुड़ रहा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 नई वंदे भारत ट्रनों को हरी झंडी दिखाई. पीएम मोदी ने VC के जरिए 3 वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज उत्तर से दक्षिण तक, देश की विकास यात्रा में एक और अध्याय जुड़ रहा. आज से मदुरै-बेंगलुरु, चेन्नई-नागरकोविल और मेरठ-लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेनों की सेवा शुरू हो रही. वंदे भारत ट्रेनों का ये विस्तार, ये आधुनिकता, ये रफ्तार हमारा देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर कदम दर कदम बढ़ रहा.

विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दक्षिण के राज्यों का तेज विकास बहुत जरूरी है. दक्षिण भारत में अपार प्रतिभा है, अपार संसाधन और अवसर हैं. इसलिए, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत पूरे दक्षिण का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है. बीते 10 वर्षों में इन राज्यों में रेलवे की विकास यात्रा इसका उदाहरण है. इस साल के बजट में हमने तमिलनाडु को 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रेलवे बजट दिया है. ये बजट 2014 की तुलना में 7 गुना से अधिक है. इसी तरह कर्नाटक के लिए भी इस बार 7 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट आवंटित हुआ है. ये बजट भी 2014 की तुलना में 9 गुना अधिक है. 

आज मेरठ-लखनऊ रूट पर वंदे भारत ट्रेन के जरिए यूपी और खासकर पश्चिमी यूपी के लोगों को भी खुशखबरी मिली है. मेरठ और पश्चिमी यूपी क्रांति की धरती है. आज यह क्षेत्र विकास के नई क्रांति का साक्षी बन रहा है।वंदे भारत आधुनिक होती भारतीय रेलवे का नया चेहरा है. आज शहर में, हर रूट पर वंदे भारत की मांग है. हाई-स्पीड ट्रेनों के आने से लोगों में अपने व्यापार और रोजगार को, अपने सपनों को विस्तार देने का भरोसा जगता है. आज देशभर में 102 वंदे भारत रेलवे सेवाएं संचालन हो रही है.

आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित भारत के विजन का एक मजबूत स्तंभ है.रेलवे लाइनों का दोहरीकरण हो, इलेक्ट्रिफिकेशन हो, नई ट्रेनों को चलाना हो, नए रूट्स का निर्माण हो.इन सभी पर तेजी से काम हो रहा  है. बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ सके हैं. बीते वर्षों में रेलवे ने अपनी मेहनत से दशकों पुरानी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगाई है, लेकिन हमें अभी इस दिशा में बहुत लंबा सफर तय करना है. हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक भारतीय रेल गरीब, मध्यम वर्ग सभी के लिए सुखद यात्रा की गारंटी नहीं बन जाती.