जयपुर: ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी NOC प्रकरण में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्वास्थ्य भवन में प्रेस कांफ्रेंस की. उनके साथ ACS मेडिकल शुभ्रा सिंह भी मौजूद रही. इस दौरान गजेंद्र सिंह खींवसर कहा कि विभाग ने मामला सामने आते ही एक्शन लिया है.
राज्य स्तरीय कमेटी ने आज अपनी रिपोर्ट हमें दी है. इस मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी आज मिला हूं. इस मामले में सामने आया है कि बड़ा गोरखधंधा हुआ है. और यह गोरखधंधा 2020 से चल रहा था. हमारे विभाग ने सजगता बरतते हुए ACB तक मामला पहुंचाया.
जांच में सामने आया कि 2022 में दोनों कमेटियों को मर्ज किया गया. एक सेंट्रल पावर सबको लीड कर रही थी, जिसमें सरकार के प्रतिनिधित्व को हटाया गया. डॉ सुधीर भंडारी ने RUHS VC बनने के बावजूद सोटो का पद नहीं छोड़ा.केंद्र ने भी इस मामले में सवाल उठाए है, जिसके आधार पर भी जांच की गई है.
SMS मेडिकल कॉलेज की भूमिका को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है. कॉलेज प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने सीधे ACB में शिकायत की. विभाग की ACS को दस दिन बाद में सूचित किया गया जो बड़ी लापरवाही की श्रेणी में आता है. ऐसे में डॉ बगरहट्टा और डॉ अचल शर्मा को पद से हटाते हुए 16CCA में नोटिस दिए गए है.
प्रभारी डॉ राजेंद्र बागड़ी की भूमिका भी गड़बड़ मिली है. विभाग ने डॉ बागड़ी को निलंबित करते हुए 16CCA में नोटिस जारी किया गया है. कमेटी की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य हमारी जानकारी में आए है. प्रदेश में 15 अस्पतालों में मानव अंग प्रत्यारोपण किया जा रहा था. इनमें 4 सरकारी एवं 11 निजी अस्पताल है.
जांच में सामने आया कि विगत एक वर्ष में करीब 945 प्रत्यारोपण हुए. इनमें से 82 सरकारी अस्पतालों में एवं 863 निजी अस्पतालों में हुए. इनमें से 933 का रिकॉर्ड उपलब्ध हो गया है. कुल 933 अंग प्रत्यारोपण में से 882 किडनी तथा 51 लीवर के ट्रांसप्लांट थे. प्रत्यारोपण के 269 केस ऐसे सामने आए, जिनमें डोनर एवं रिसीवर नजदीकी रिश्तेदार नहीं थे.
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एक वर्ष में हुए कुल प्रत्यारोपण में से 171 प्रत्यारोपण विदेशी नागरिक के हुए. विदेशी नागरिकों के प्रत्यारोपण मुख्यतः चार अस्पतालों में हुए. फोर्टिस अस्पताल में 103, ईएचसीसी में 34, मणिपाल हॉस्पिटल में 31 महात्मा गांधी अस्पताल में 2 विदेशी नागरिकों के प्रत्यारोपण हुए. फोर्टिस, ईएचसीसी एवं मणिपाल हॉस्पिटल में नियम विरूद्ध प्रत्यारोपण पाए गए है. ऐसे में इनका अंग प्रत्यारोपण का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.