जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसानों को एक और बड़ी सौगात देते हुए राज्य सरकार की ओर से किसान हित में किए जा रहे कार्यों को विस्तार दिया है. राज्य सरकार ने प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पारंपरिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है.
बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के तहत राज्य सरकार किसानों को खेती कार्य में प्रयुक्त होने वाली बैल जोड़ी पर 30 हजार रुपए प्रति जोड़ी का अनुदान देगी. यह योजना उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी जो पारंपरिक तरीकों से खेती करते हैं और महंगे कृषि यंत्र खरीदने में सक्षम नहीं हैं. इस हेतु हाल ही कृषि विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं तथा शीघ्र ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
राज्य सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा, जिसके तहत किसान के पास कम से कम दो बैल होने चाहिए, जिनका उपयोग खेती कार्य में किया जा रहा हो. केवल लघु एवं सीमांत किसानों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा, जिसके लिए तहसीलदार से प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा.
योजना के तहत केवल 15 माह से 12 वर्ष तक की आयु के बैल पात्र होंगे, जिनका पशु बीमा होना आवश्यक होगा. किसानों के पास अपनी भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र या फिर वनाधिकार पट्टा होना चाहिए. राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में निवास करने वाले किसानों को भी वनाधिकार पट्टे के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा.
सरकार ने इस योजना को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन रखा है. किसान स्वयं या फिर नजदीकी ई-मित्र केंद्र के
माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया के तहत किसान को राजस्थान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन पत्र भरना होगा. बैल जोड़ी की हालिया फोटो पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. बैलों की बीमा पॉलिसी और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक होगा. किसान को 100 रुपये के स्टाम्प पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा. किसान को अपनी लघु या सीमांत श्रेणी का प्रमाण पत्र भी अपलोड करना होगा. सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन एवं अपलोड करने होंगे और ई-प्रपत्र को सत्यापित कर जमा करना होगा. आवेदन जमा होने के बाद, राज्य सरकार द्वारा उसकी स्क्रूटनी की जाएगी और 30 दिनों के भीतर स्वीकृति दी जाएगी.
राज्य सरकार की इस पहल से हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां आज भी बैल जोड़ी का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है, यह योजना किसानों की आर्थिक मदद करेगी और खेती की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक साबित होगी. योजना की स्थिति और स्वीकृति की जानकारी किसानों को एसएमएस और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दी जाएगी. साथ ही वे स्वीकृति आदेश या प्रमाण पत्र को स्वयं प्रिन्ट निकालकर प्राप्त कर सकते हैं. सरकार की इस योजना से प्रदेश के पारंपरिक किसानों को न केवल राहत मिलेगी बल्कि यह कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने में भी मददगार साबित होगी.