जयपुरः पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर बड़ी खबर
राज्य सरकार के हाथ में आई ईआरसीपी की वास्तविक रिपोर्ट
WRD ने सीएस को सौंपी ईआरसीपी की वास्तविक प्रगति रिपोर्ट
परियोजना रिपोर्ट में अनुमानित लागत 37250 करोड़ रुपए
19 नवंबर, 2017 को आवश्य अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की गई थी फाइल
केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को प्रस्तुत की गई थी फाइल
अंतिम संशोधित ड्राफ्ट 3 अक्टूबर, 2023 को राजस्थान को प्राप्त हुआ
ईआरसीपी को लेकर अब तेजी से आगे बढ़ने की तैयारी में राज्य सरकार
नए साल में राजस्थान को मिल सकती है बड़ी खुश खबरी
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर राजस्थान को नए साल में बड़ी खुश खबरी मिल सकती है. ईआरसीपी की वास्तविक प्रगति रिपोर्ट नई सरकार के हाथों में आ चुकी है और इस पर तेजी से आगे बढ़ने की दिशा में काम तुरंत प्रभाव से शुरू किया जा सकता है. राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में आमजन से वायदा भी किया था कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश में ईआरसीपी को लेकर तेजी से काम किया जाएगा. ऐसे में माना जा सकता है राजस्थान के 13 जिलों की तस्वीर बदलने में अब ज्यादा देर नहीं लगेगी. राजस्थान में ईआरसीपी को लेकर अब के सफर पर देखिए एक विशेष रिपोर्ट...
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर एक नजर
परियोजना के तहत उपलब्ध होगा 3510 मिलियन घन मीटर जल
1724 मिलियन घन मीटर पेयजल के लिए प्रावधान रखना प्रस्तावित
जबकि 1500 मिलियन घन मीटर सिंचाई और
286 मिलियन घन मीटर उद्योगों के लिए रखने का प्रावधान
राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल उपलब्ध कराने की है योजना
परियोजना के तहत पूर्व निर्मित 26 वृहद् व मध्यम सिंचाई परियोजना में भरा जाएगा जल
0.8 लाख हैक्टेयर सिंचित क्षेत्र व 2.0 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित
परियोजना के तहत 6 बैराज बनाया जाना है प्रस्तावित
परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में परीक्षणाधीन
केन्द्रीय जल आयोग व मध्य प्रदेश का मुख्य आपेक्ष,
परियोजना को 75 प्रतिशत निर्भरता पर संशोधित किया जाए
परियोजना की डीपीआर हो चुकी है तैयार
मध्यप्रदेश-राजस्थान इंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक में हुई तैयार
मंडल की 12वीं व 13वीं बैठक में हुई तैयार डीपीआर
केन्द्रीय जल आयोग गाइडलाइन के अनुसार तैयार हुई डीपीआर
राज्यों के मध्य सहमति के लिए कई बार चला बैठकों का दौर
अंतिम संशोधित ड्राफ्ट 3 अक्टूबर, 2023 को राजस्थान को प्राप्त हुआ
संशोधित परियोजना में केन्द्र से 90: 10 के अनुपात में वित्तीय सहायता का आश्वासन
इससे राजस्थान को मात्र 3725 करोड़ रुपए ही वहन करने पड़ेंगे
राजस्थान के लिए ईआरसीपी एक महत्वाकांक्षी योजना है. जिसमें मानसून के दौरान चंबल नदी के सहायक नदी बेसिनों (कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध, मेज) में उपलब्ध अधिशेष जल को बनास, मोरे, बाणगंगा, पार्वती, कालीसिल, गंभीरी आदि नदी बेसिनों में जल अपर्वतन करना था. इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट 19 नवंबर, 2017 को अनुमोदन के लिए केन्द्रीय जल आयोग को दी गई. इस दौरान अनुमानित लागत 37247.12 करोड़ रुपए रही. बतादें कि यह परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में पिछले पांच साल से लंबित है. परियोजना राजस्थान से 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
योजना में अब तक की प्रगितः
-योजना में नवनेरा बैराज का काम 86 प्रतिशत पूर्ण
करीब 904.13 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं
-ईसरदा बांध का काम 75 प्रतिशत पूर्ण
करीब 672.38 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं
-31 अक्टूबर 2023 तक कुल 1576.51 करोड़ रुपए व्यय हो चुके हैं
-राजस्थान नहर परियोजना निगम का गठन किया जा चुका है
-रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज और नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा
लिंक का निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित है
इसकी डीपीआर 14200 करोड़ रुपए की तैयार की जा चुकी है
और प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है
रामगढ़ बांध में पानी भरने की योजनाः
-नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंग परियोजना में
ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध जयपुर में पानी भरने
के लिए सर्वेक्षण परीक्षण व तकमीना बनाने का काम प्रगितरत है
-ईआरसीपी योजना में पूर्व में सम्मिलित 26 बांधों के अतिरिक्त
दौसा, सवाईमाधोपुर, करौली, भरतपुर और अलवर जिले के
53 बांधों को जोड़ने के लिए डीपीआर तैयार करने का काम प्रगतिरत है
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाः
-नदियों को जोड़ने के लिए गठित विशेष समिति ने
20वीं बैठक में 13 दिसंबर, 2022 को पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक परियोजना को एनपीपी के तहत अनुमोदित किया गया
-संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी की डीपीआर बनाने के लिए
राजस्थान व मध्यप्रदेश के बीच सात बैठकें आयोजित की गईं
-अंतिम बैठक 3 अक्टूबर, 2023 में अंतिम संशोधित ड्राफ्ट तैयार हुआ
-योजना में केन्द्र सरकार ने 90:10 के अनुपात में वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया
-संशोधित ड्राफ्ट में गांधीसागर बांध पर मध्य प्रदेश में 7 योजनाएं प्रस्तावित हैं
-संशोधित ड्राफ्ट MOU का परीक्षण कर वित्त विभाग, राजस्थान को 4 अक्टूबर को प्रस्तुत किया
जो विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की टिप्पणी के साथ
19 अक्टूबर, 2023 को पुन: विभाग को प्राप्त हुआ
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच जल टकराव की स्थिति समाप्त होने की दिशा में शुरू हो गया है और अब लगता है कि राजस्थान के 13 जिलों के लिए ईआरसीपी वरदान साबित हो सकती है। जल संसाधन विभाग की माने तो ईआरसीपी को लेकर जल्द ही बड़ी बैठक होगी और उसके बाद बचे हुए काम शुरू किए जा सकेंगे.