VIDEO: राजस्थान में रोडवेज बस स्टैण्ड्स का होगा कायाकल्प, यात्रियों को मिलेंगी विश्व स्तरीय सुविधाएं, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से बदहाल बस स्टैंडों की कायाकल्प करने की तैयारी शुरू हो गई है. रोडवेज गुजरात मॉडल की तर्ज पर बस स्टैण्डों को आधुनिक बनाएगा. जहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधा मिल सकेंगी. राजस्थान के बदहाल बस स्टैंडों के दिन अब बदलने वाले हैं. रोडवेज प्रबंधन अब बस स्टैंडों को अत्याधुनिक तरीक़े से विकसित करेगा. यहां यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. एक बस स्टैंड को अत्याधुनिक सुविधाओं से विकसित करने पर 150 से 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके लिए पीपीपी मोड (बीओटी) पर काम किया जा रहा है.

पहले फेस में राज्य के आठ बस स्टैडों को किया गया शामिल: 
रोडवेज ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले फेस में राज्य के आठ बस स्टैडों को शामिल किया गया है. इनका सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. अब आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. दरअसल, रोडवेज घाटे में चल रही है. रोडवेज के पास बस स्टैंडों के सौंदर्यकरण के लिए फंड नहीं है. एक हिस्से पर कॉम​र्शियल ए​क्टिविटी, दूसरा निगम के पास इन बस स्टैंडों को बीओटी के आधार पर विकसित किया जा रहा है. इसके लिए निजी डवलपर्स को आमंत्रित किया जाएगा. रोडवेज किस तरह से कंपनी से आय अर्जित करेगा, इसका प्लान तैयार किया जा रहा है. पूरे बस स्टैंड को कंपनी विकसित करेगी. एक हिस्से को कॉम​र्शियल उपयोग में कंपनी लेगी. उस पर मॉल बनाएगा जाएगा.

विभाग ने पहले फिजिबिलिटी रिपोर्ट भेजने के दिए निर्देश:
इसके लिए दूसरे हिस्से में रोडवेज बसों की संचालन करेगी. कंपनी की ओर से पूरे बस स्टैंड का मेटिनेंस किया जाएगा. ये आठ बस स्टैंड शामिल पहले फेज में रोडवेज के भरतपुर, अजमेर, उदयपुर, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, बीकानेर, ब्यावर और बूंदी को शामिल किया गया है. इसके लिए सलाहकार कंपनी को नियुक्त कर लिया गया है, जो पूरा प्लान तैयार कर रही है. दरअसल, सरकार ने कुछ बस स्टैंडों को विकसित करने की बजट घोषणा की थी. उनमें कोटा और दूदू भी थे, लेकिन पीपीपी मोड पर इन दोनों बस स्टैंडों को विकसित करने पर वित्त विभाग ने आप​त्ति लगाई है. विभाग ने पहले फिजिबिलिटी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं. 

बस स्टैंड को हैरिटेज लुक:
चार मंजिला तक इमारत, वाहनों के आने-जाने की अलग व्यवस्था इन बस स्टैडों को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि यहां यात्री ही नहीं, शहर के अन्य लोगों का भी आना जाना बना रहेगा. बस स्टैंड पर रेस्टोरेंट, कैफे, एसी वेटिंग हॉल, एटीएम सुलभ शौचालय सहित ठहरने की सुविधा भी मिलेगी. मॉल में जो सुविधाएं होती है वह सभी सुविधाएं यहाँ भी दी जाएंगी. प्रत्येक बस स्टैंड पर चार मंजिला बिल्डिंग बनाने के साथ ही अत्याधुनिक सुविधाएं रहेगी. बस स्टैंड को हैरिटेज लुक और स्थानीय संस्कृति के आधार पर विकसित किया जाएगा. इसीलिए जरूरत रोडवेज भले ही आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसी के साथ निगम का खर्चा बढ़ रहा है.

रोडवेज बस स्टैंडों का सौन्दर्यकरण:
निगम हर महीने 90 करोड़ रुपए के नुकसान में चल रही हैं. रोडवेज को प्रति महीने 150 करोड़ रुपए की आय हो रही हैं, लेकिन इससे अ​धिक 240 करोड़ रुपए खर्चा हो रहा हैं. इस हिसाब से रोडवेज रोज तीन करोड़ के नुकसान में चल रही हैं. गत 10 साल के आंकड़ों को देखें तो प्रति किलोमीटर 23 रुपए खर्चा बढ़ गया है. रोडवेज की वर्तमान हालत बस चलाने तक की नहीं है. सरकार और आरटीआईडीएफ फंड से मिलने वाले अनुदान से रोडवेज अपने कर्मचारियों की सैलरी सहित अन्य खर्चे निकाल रहा है. ऐसे में रोडवेज के पास करोड़ों की जमीन हैं जिन पर बस स्टैड बने हैं. उन्हे कॉम​​र्शियल उपयोग कर रोडवेज बस स्टैंडों का सौन्दर्यकरण के साथ आय भी बढ़ाएगा.