जयपुरः राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि में नौकरी की आस लगाए बैठे सैंकड़ों चिकित्सकों को फिर बड़ा झटका लगा है. विवि की बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर यानी BOM की बैठक में असिस्टेंट प्रोफेसर के 74 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा समेत अन्य सभी फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने का निर्णय लिया है. हालांकि,अब विवि प्रशासन का तर्क ये है कि बॉम की बैठक में जो निर्णय लिया गया है, उससे राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद ही अमल में लाया जाएगा.
राजस्थान में चिकित्सा विज्ञान को नई दिशा देने के लिए वर्ष 2005 में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि की स्थापना हुई. इसके पीछे की मंशा ये थी कि प्रदेश में एक तरफ जहां मेडिकल एजुकेशन को बढ़ावा मिले,साथ ही रिसर्च के क्षेत्र में भी राजस्थान नजीर पेश कर सके... लेकिन बीस साल से अधिक समय बीतने के बावजूद अभी तक विवि अपनी स्थापना की सोच को साकार करने में विफल साबित हुआ है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि विवि से जुड़े RUHS महाविद्यालय में पर्याप्त फैकल्टी समेत अन्य मैनपावर ही नहीं है. आश्चर्य की बात ये है कि विवि में बीस साल में सिर्फ एक बार 2014 में 45 के आसपास फैकल्टी को भर्ती किया गया. .इसके बाद से लेकर अभी तक सिर्फ कागजों में ही भर्तियों की बातें हो रही है. .हाल में ही करीब 150 फैकल्टी के लिए भर्ती प्रक्रियाधीन थी, जिसे भी अलग-अलग कारणों का हवाला देकर BOM की बैठक में निरस्त किया गया है. हालांकि,इस बारे में कार्यवाहक कुलपति डॉ धनंजय अग्रवाल का कहना है कि भर्तियों को लेकर अलग अलग तथ्य सामने आए थे...बॉम की बैठक में जो निर्णय लिया गया, उस पर सरकार से अनुमति लेकर आगे बढ़ा जाएगा
चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज का RUHS में हू-ब-हू पेपर !
RUHS की सहायक आचार्य(आर्थोपेडिक) भर्ती परीक्षा से जुड़ी खबर
बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर (BOM) की मीटिंग में भर्ती को किया गया निरस्त
बैठक में आर्थोपेडिक के पेपर को लेकर सामने आया चौंकाने वाला तथ्य
बैठक में बताया गया कि सहायक आचार्य(आर्थोपेडिक) में आया जो पेपर
उसके 52 प्रश्न चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज की SR भर्ती परीक्षा में आए थे
ये प्रश्न पत्र सभी प्रमुख साइट्स और सोश्यल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध
ऐसे में माना गया कि पेपर के 52 प्रश्न पहले से हो चुके थे लीक
कुल 17 ब्रॉड स्पेशिलिटी-6 सुपर स्पेशिलिटी के 74 पद पर चल रही थी भर्ती
एक तथ्य ये भी आया कि भर्ती की निर्देश पुस्तिका व रोस्टर नहीं कराया अप्रूव
विश्वविद्यालय की प्रबन्ध मण्डल की बैठक में नहीं कराया गया दोनों को अप्रूव
इसके अलावा योग्यता नियमों को लेकर भी भर्ती में पेंच का किया गया जिक्र
इन त्रुटियों का हवाला देते हुए सहायक आचार्य की भर्ती को किया गया निरस्त
दस साल में नहीं ली एक भी फैकल्टी. !
सवालों के घेरे में RUHS की अब तक की कार्यप्रणाली
वर्ष 2014 में पहली और आखिरी बार हुई थी विवि में भर्ती
48 मेडिकल टीचर्स किए गए भर्ती,उससे ही चलाया जा रहा काम
एमसीआई के मापदण्डों के हिसाब से है फैकल्टी की काफी कमी
बावजूद इसके किसी भी जिम्मेदार ने इस गंभीर मुद्दे पर नहीं दिया ध्यान
नतीजन,आज तक ना तो मेडिकल कॉलेज,ना ही RUHS बना पाया पहचान
अब एकबार फिर विवि में चल रही प्रक्रियाधीन भर्तियों को लगा झटका
ऐसे में सवाल ये कि विवि में जब फैकल्टी भर्ती है बहुत बड़ी टास्क
या फिर विवि में चल रही अघोषित "राजनीति" है इसका बड़ा कारण
क्या हाईलेवल से इस गंभीर मामले में दिया जाएगा कोई दखल
ताकि, जल्द से जल्द पूरी हो पाए RIMS की परिकल्पना साकार
विवि प्रशासन की बॉम की बैठक में प्रोफेसर के 29 व एसो.प्रोफेसर के 45 पदों की भर्ती को अलग-अलग कारणों का हवाला देते हुए निरस्त करने का निर्णय लिया गया है. इसके एक अहम बात ये भी सामने आई है कि विवि में एनएमसी के मापदण्डों के विपरित प्रबन्धन ने खुद के फायदों के हिसाब से पोस्ट क्रियेट करवाई, जिसके चलते विवाद की स्थिति पैदा हो गई. RUHS की RMCTA ने भी इस पूरे मामले में आपत्ति जताई थी, जिसके बाद ही सभी भर्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है.
विवि प्रशासन ने पूर्व में प्रक्रियाधीन सभी भर्तियों को अलग-अलग विवादों का हवाला देकर निरस्त कर दिया हो, लेकिन अब दावा ये किया जा रहा है कि जल्द ही नियमानुसार फैकल्टी की भर्ती की जाएगी. इसके लिए बतौर संयोजक RUHS के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ अनिल गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में अब देखना होगा कि नए प्रबन्धन के भर्तियों को लेकर किए जा रहे दावे कितने धरातल पर उतर पाएंगे.