नई दिल्ली: "बियॉन्ड विंग्स", ज्ञान की खोज को आगे बढ़ाने और व्यक्तियों, समुदायों और समाजों पर इसके गहरे प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए लिंग्याज ललिता देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेज के समर्पण का प्रमाण है. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल डॉ. किरन बेदी थीं. किरन बेदी भारत के शीर्ष पुलिस अधिकारियों में से एक के रूप में भारत के कानून प्रवर्तन क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में उभरीं, जो अपने दृढ़ आचरण, अभूतपूर्व दृष्टिकोण और सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए अटूट समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं . किरन बेदी, जो 2007 में सेवानिवृत्त हुईं, वर्तमान में दो गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के संचालन की देखरेख करती हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वंचित समुदायों को सहायता और समर्थन प्रदान करना है.
23 नवंबर,2023: TEDxLLDIMS इवेंट,"बियॉन्ड विंग्स", ज्ञान की खोज को आगे बढ़ाने और व्यक्तियों, समुदायों और समाजों पर इसके गहरे प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए लिंग्याज ललिता देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेज के समर्पण का प्रमाण है. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल डॉ. किरन बेदी थीं. किरन बेदी भारत के शीर्ष पुलिस अधिकारियों में से एक के रूप में भारत के कानून प्रवर्तन क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में उभरीं, जो अपने दृढ़ आचरण, अभूतपूर्व दृष्टिकोण और सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए अटूट समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं . किरन बेदी, जो 2007 में सेवानिवृत्त हुईं, वर्तमान में दो गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के संचालन की देखरेख करती हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वंचित समुदायों को सहायता और समर्थन प्रदान करना है.
शिक्षा की ज़रूरत पर जोर देते हुए, किरन बेदी ने लिंग्याज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के अध्यक्ष श्री पिचेश्वर गड्डे की ऐसी प्रतिष्ठित संस्था की स्थापना के लिए सराहना की, जो अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध है और सुश्री सुनीता गड्डे (सचिव, एलएलडीआईएमएस) औरसुश्री अमिता कुमार (सलाहकार, एलएलडीआईएमएस) को भी बधाई दी. जब उनसे पूछा गया कि वह कैसे इतना प्रेरित रहती हैं और खुद तमाम चीजों के लिये कैसे वक़्त निकल लेती हैं , तो उन्होंने जवाब दिया कि प्रेरणा मन की एक स्थिति है जो व्यक्ति को प्रेरित करती है. जीवन विकल्पों से भरा है, और उन्होंने आत्म-नियंत्रण और परिश्रम की धारणा को मुख्य कारक के रूप में रखा. उन्होंने एलएलडीआईएमएस के विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना की और भारत की युवा पीढ़ी को आकार देने में सभी विभागाध्यक्षों और संकाय सदस्यों के शैक्षणिक योगदान को सराहा.
एलएलडीआईएमएस के निदेशक प्रो. (डॉ.) प्रणव मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि डॉ. किरन बेदी भारत की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत और आदर्श रही हैं. एलएलडीआईएमएस की युवा ब्रिगेड का प्रतिनिधित्व करते हुए, बीबीए छात्र आयुष ढाल (आयोजक), और कृति ठाकुर (सह-आयोजक) ने इस कार्यक्रम के लिए लाइसेंस हासिल करने मे अपना योगदान दिया.