जयपुरः पुलवामा हमले की बरसी के दिन पाकिस्तान से लगते जैसलमेर जिले में रेत के समंदर में विध्वंस का खौफनाक दृश्य देखने को मिला. आसमान से बमों की बारिश, जमीन में ‘दुश्मन’ के काल्पनिक ठिकानों पर लगातार वार और बिजली की गति से हवा को चीरते विमान. मौसम में घुली ठंडक के बावजूद आसमान से हुई बमों की बारिश से जमीन पर रेत के गुबार उठे. दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में शामिल भारतीय वायुसेना ने एयर पावर व युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए सरहदी जैसलमेर जिले के चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित डे-नाइट युद्धाभ्यास वायुशक्ति 2024 की फुल ड्रेस रिहर्सल को अंजाम दिया. युद्धाभ्यास में एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर सरफेस फोर्सेज ऑपरेशन सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन का भी प्रदर्शन हुआ.
रेगिस्तान में तेज धमाकों के साथ आसमान से बम बरसते रहे और ‘दुश्मन’ के ठिकाने तबाह होते रहे. आकाश वीरों ने हवा में विमानों को अपने इशारों में उड़ाते हुए आक्रामकता व रक्षात्मकता का जीवंत प्रदर्शन किया. वायुशक्ति-2024 में तेजस, प्रचंड, गरुड़, सुखोई, एमकेआइ हॉक, सी.130, तेजस, सुखाई, मिराज, जगुआर, रफाल जैसे फाइटर जेट की शक्ति से आसमान कांप उठा, वहीं प्रचंड, ध्रुव, अपाचे और रुद्र जैसे हमलावर हेलिकॉप्टर से रेगिस्तान दहल उठा.
करीब 121 विमानों ने कौशल व क्षमताओं का प्रदर्शन किया. जगुआर से हाहाकार मचा तो तेजस के तेज और समर एवं अस्त्र मिसाइलों के साथ कई प्रकार के जीपीएस व लेजर गाइडेड बम, राकेट लांचर और हेलीकॉप्टर गनों की युद्धक और मारक क्षमता की गूंज से दुनिया ने हिन्दुस्तान का दम देखा. मरुस्थल का आसमान दहल उठा तो फायरिंग रेंज भी थर्रा उठी. रफाल ने एयर डिफेंस क्षमता का जीवंत प्रदर्शन किया तो हेलीकॉप्टर रुद्र ने रियल टाइम टारगेट ध्वस्त किया. अद्भुत रण कौशल, युद्धक अभियान और जवाबी कार्रवाई का जीवंत प्रदर्शन में वायुसेना की समूची ताकत व दक्षता को देखकर आसमान को देखने उठी आंखें पलक झपकाना भूल गई. युद्धाभ्यास में पहली बार शामिल हो रहे लड़ाकू विमान रफाल ने अपना जलवा दिखाया वहीं पहली बार ही शामिल लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड व अपाचे ने शत्रु को नेस्तनाबूद करने की मारक क्षमता का प्रदर्शन किया. फुल ड्रेस रिहर्सल में एयर मार्शल एपी सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे.
माइका व आर.73 पर विशेष नजरः
तीन वर्ष में एक बार होने वाले वायुशक्ति युद्धाभ्यास में 112 किलो वजनी माइका और आर.73 मिसाइलों पर खास नजर रही. हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल की रेंज 60 से 80 किलोमीटर हैए वहीं इसमें 12 किलो का वॉरहेड लगता है. इसे रफाल, मिराज, सुखोई-30, ग्राउंड बैटरी, सरफेस वसेल या पन्नडुब्बियों से दागा जा सकता है. विशेष बात यह भी है कि इसे वार्टिकल भी लांच किया जा सकता है. टारगेट लगाने का समय दिन हो या रात, यह हर तरह से सक्षम है. इसकी गति 4939.2 किलोमीटर प्रति घंटा है. आर-73 मिसाइल का इस्तेमाल लड़ाकू विमानों, बमवर्षक या हेलीकॉप्टर्स पर किया जाता है. इसकी गति 2500 मील प्रति घंटा आंकी जाती है.
आत्मनिर्भर भारत : प्रगति यात्रा, कठोर प्रशिक्षण-
युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना की प्रगति यात्रा, कठोर प्रशिक्षण और नए बदलाव को पेश किया गया. अद्भुत रण कौशल, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करते युद्ध विमान और आकाश वीरों व विमानों के बीच रही श्रेष्ठता साबित करने की प्रतिस्पर्धा भी दिखाई.
2 घंटे तक आसमान में धूम-धड़ाकाः
शाम 5.30 से शाम 7.30 बजे तक वायु योद्धाओं ने हवाई ताकत दिखानी शुरू की तो आकाश में धूम-धड़ाका शुरू हो गया. आसमान में विमानों की कलाबाजियों ने हैरत में डाल दिया. फुल ड्रेस रिहर्सल में वायुसेना के 77 लड़ाकू विमान, 41 हेलीकॉप्टर, 12 यूएवी, 5 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 3 तरह की सरफेस-टू-एयर मिसाइल की युद्धभ्यास में भागीदारी रही. एयरक्राफ्ट्सï ने सूरतगढ़, जोधपुर, फलोदी, नाल व उत्तरलाई से उडकऱ चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में निर्धारित लक्ष्य का भेदन किया. गौरतलब है कि वायु सेना की ओर से हर तीन वर्ष में वायु शक्ति का आयोजन किया जाता है.
आसमान में गूंजी इनकी दहाड़ः
वायुशक्ति-2024 में तेजस, गरुड़, सुखोई, एमकेआइ, हॉक, सी.130, तेजस, सुखाई, मिराज, जगुआर, रफाल जैसे फाइटर जेट की शक्ति से आसमान कांप उठा. वहीं प्रचंड, धु्रव, अपाचे और रुद्र जैसे हमलावर हेलीकॉप्टर्स से रेगिस्तान दहल उठा. करीब 121 विमानों ने अपने कौशल व क्षमताओं का प्रदर्शन किया.