दुश्मन भारत की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे, हमें दृढ़ता से खड़ा होने की जरूरत- PM मोदी

केवड़िया: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के दुश्मन देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा इस तरह के प्रयासों के खिलाफ हिन्दुस्तान को दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए.

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस’’ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने यहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने रविवार को गुजरात के मोरबी में पुल टूट जाने से हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना भी प्रकट की.

उन्होंने कहा कि मैं एकता नगर में हूं लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा है. शायद ही जीवन में मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी. एक तरफ करूणा से भरा पीड़ित दिल है तो दूसरी ओर कर्त्तव्य पथ है. जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.

इस हादसे में कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई. यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद हाल ही में इसे जनता के लिए खोला गया था. पटेल की जयंती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई जाती है. मोदी ने कहा कि भारत के लिए, इसकी एकता कभी भी एक आवश्यकता नहीं रही है बल्कि यह इसकी विशिष्टता रही है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की एकता दुश्मनों की आंखों को खटकती हैं. सिर्फ आज ही नहीं, बल्कि हजारों सालों से और हमारी गुलामी के दौर में भी सभी विदेशी हमलावरों ने इस एकता को तोड़ने के लिए वह सब कुछ किया जो वे करना चाहते थे.

हमने देश का विभाजन देखा और दुश्मनों को इसका फायदा उठाते भी देखा:
उन्होंने कहा कि उस लंबे समय में जो जहर फैलाया गया था, उसके कारण आज भी देश को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हमने देश का विभाजन देखा और दुश्मनों को इसका फायदा उठाते भी देखा. प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत की तरह ही भारत के उत्थान से परेशान होने वाली ताकतें आज भी मौजूद हैं और जातियों के नाम पर लड़ाने के लिए तरह-तरह की धारणाएं गढ़ी जाती हैं.

गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे अंदर घर कर जाती:
उन्होंने कहा कि इतिहास को भी ऐसे पेश किया जाता हैं कि जिससे देश जुड़े नहीं, बल्कि और दूर हो जाएं. कई बार ये ताकत, गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे अंदर घर कर जाती है. कई बार ये तुष्टिकरण के रूप में, कभी परिवारवाद के रूप में, कभी लालच और भ्रष्टाचार के रूप में दरवाजे तक दस्तक दे देती है. जो देश को बांटती और कमजोर करती है. उन्होंने कहा कि भारत मां के सपूत होने के नाते हमें ऐसी ताकतों को जवाब देना है. हमें एकजुट रहना है. सोर्स- भाषा