जोधपुर: कुचामन के राजकीय अस्पताल में एक महिला के सिजेरियन प्रसव के दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में एक टॉवल छोड़ दिया. इसके चलते महिला करीब तीन माह तक पेट दर्द से परेशान रही. कई हॉस्पिटलों में चक्कर काटने के बाद एम्स अस्पताल पहुंची. जहां जांच के बाद उसके पेट में टॉवल मिला. जिसे डाक्टरों ने सर्जरी कर निकाला.
बता दे की 32 वर्षीय महिला के पेट में टॉवल छोड़ने की वजह से पिछले करीब तीन माह से वह दर्द से परेशान थी. डॉक्टर ने प्रसव के दौरान लापरवाही बरती. इतना ही नहीं टॉवल अंदर होने के बावजूद महिला के टांके भी लगा दिए गए. उसके बाद महिला करीब 3 महीने तक तेज पेट दर्द से परेशान रही, लेकिन इस लापरवाही का पता नहीं चल सका. महिला ने कुचामन के सरकारी अस्पताल से लेकर मकराना के प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में भी दिखाया. इसके अलावा अजमेर में भी जांच करवाई तो डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कर पेट में गांठ बता दी थी.
हालांकि महिला के परिजन उसे एम्स लेकर आए यहां जांच में इस लापरवाही का खुलासा हुआ. एम्स में सीटी स्कैन के बाद अंदर किसी फॉरेन बॉडी के होने की जानकारी सामने आई इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया ऑपरेशन के दौरान टॉवल देखकर डॉक्टर भी चौंक गए. इतनी बड़ी साइज का टॉवल आंतों से चिपका हुआ था और आंतों को खराब कर दिया. इस दौरान 3 महीने तक दर्द से राहत पाने के लिए महिला ने कई तरह की टैबलेट भी ली जिससे उसके शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा है.
पेट दर्द के चलते महिला बहुत कम खाना खा पाती थी इसके चलते उसके स्तन में दूध भी बहुत कम बन रहा है. इसकी वजह से उसके नवजात शिशु को बाहर का दूध पिलाना पड़ रहा है. जबकि जन्म के प्रथम 6 माह तक शिशु को मां का दूध पिलाना जरूरी होता है. इसके अभाव में बच्चे के जीवन भर कुपोषित रहने का खतरा भी बढ़ जाता है. इधर ऑपरेशन के बाद एम्स के डॉक्टर ने पीड़िता को अगले तीन से चार महीने तक लिक्विड डाइट के साथ हल्का आहार लेने की सलाह दी है. एम्स ने टॉवल का टुकड़ा कल्चर के लिए भेजा है. जिससे कि उसमें 3 महीने में पनपने वाले बैक्टीरिया सहित अन्य रासायनिक क्रियाओं की जांच भी की जा सके.