आमजन के राहत के लिए जेडीए का ऐतिहासिक कदम, JDC आनंदी के निर्देशन में तैयार की गई नई SOP की लागू

जयपुर: आमजन को राहत देने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. आमजन से जुड़े प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए जेडीए आयुक्त आनंदी के निर्देशन में तैयार SOP (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को लागू कर दिया गया है. इस एसओपी के तहत प्रकरणों के निस्तारण की समय सीमा को घटा दिया गया है. 

आमजन से जुड़े प्रकरणों को समयबद्ध तरीके से निस्तारण के लिए जेडीए में नागरिक सेवा केन्द्र की शुरूआत 8 दिसंबर 2006 को की गई थी. इसके बाद इसकी कार्य प्रणाली और प्रक्रिया में समय-समय पर बदलाव किए गए. समय सीमा तय होने के बावजूद प्रकरणों का निस्तारण तय समय सीमा में नहीं हो पा रहा है. बेवजह की औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं के कारण प्रकरणों के निस्तारण में देरी हो रही है. लंबे समय से मॉनिटरिंग के अभाव में भी प्रकरणों को समय पर निस्तारण करने को लेकर अधिकारी कर्मचारी लापरवाह रहे हैं. आमजन से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले को जेडीए आयुक्त आनंदी ने गभीरता से लिया. पूरे सिस्टम को सुधारने और उसकी खामियां दूर कर नई एसओपी जारी करने के लिए अधिकारियों की समिति बनाई. खुद जेडीए आयुक्त आनंदी के निर्देशन में तैयार इस एसओपी को लागू कर दिया है. 

ऑनलाइन आवेदन
आमजन से जुड़ी पांच प्रमुख सेवाओं जैसे पट्टा जारी करने,नाम हस्तांतरण,एकमुश्त लीज प्रमाण पत्र, उप विभाजन/पुनर्गठन और लीज होल्ड से फ्री होल्ड पट्टा देने सहित सभी सेवाओं के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद नागरिक सेवा केन्द्र से यह आवेदन संबंधित जोन कार्यालय में जाएगा. नागरिक सेवा केन्द्र में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने से लेकर जोन कार्यालय तक उसे भेजने की पूरी प्रक्रिया SOP में निर्धारित कर दी गई है. जेडीए की वेबसाइट www.jda.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन के लिए आवेदक को पहले इसी वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्टर्ड आवेदक अपने लॉगिन अकाउंट से आवेदन के स्टेटस को ट्रेक भी कर सकेगा

SOP में सब कुछ स्पष्ट
पट्टा जारी करने,नाम हस्तांतरण,एकमुश्त लीज प्रमाण पत्र, उप विभाजन/पुनर्गठन और लीज होल्ड से फ्री होल्ड पट्टा देने के प्रकरणों की फाइल जोन में किस कार्मिक के पास कितने दिन रहेगी, यह तय कर दिया गया है. इन प्रकरणों की फाइलें सबसे पहले किस कार्मिक के पास आएंगी,फिर किसके पास जाएंगी. इसके लिए नई एसओपी में बाकायदा फ्लो चार्ट लागू कर दिया गया है. सभी जोन कार्यालयों को इसी फ्लो चार्ट के अनुसार फाइलों का मूवमेंट करना होगा. इसकी अवहेलना करने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ जेडीए प्रशासन कार्रवाई करेगा. किस प्रकरण में जोन कार्यालय को किस तरह काम करना है,यह विस्तृत तौर पर एसओपी में पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है. किस प्रकृति के प्रकरण में आवेदक से कौनसे दस्तावेज लेने होंगे,ये भी एसओपी में निर्धारित कर दिए हैं.

निस्तारण की समय-सीमा घटाई
-किसी भूखंड का फ्री होल्ड या लीज होल्ड का पट्टा अब 30 दिन के बजाए 24 दिन में जारी कर दिया जाएगा
-भूखंड का नाम हस्तांतरण 30 दिन के बजाए 19 दिन में कर दिया जाएगा
-उप विभाजन/पुनर्गठन का प्रकरण 45 दिन के बजाए 30 दिन में निस्तारित किया जाएगा
-भूखंड का एकमुश्त लीज प्रमाण पत्र 30 दिन के बजाए 16 दिन में जारी कर दिया जाएगा
-किसी भूखंड का लीज होल्ड पट्टा समर्पित कराकर फ्री होल्ड पट्टा 45 दिन के बजाए 22 दिन में जारी कर  दिया जाएगा

ऑटो फॉरवर्ड की नई व्यवस्था
किस प्रकरण की फाइल कोई कार्मिक कितने दिन अपने पास रख सकता है, यह समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है. इसी के चलते इस नई एसओपी में ऑटो फॉरवर्ड की व्यवस्था लागू की गई है. कोई कार्मिक निर्धारित अवधि में फाइल आगे फॉरवर्ड नहीं करता है तो फाइल स्वत: ही ऑटो फॉरवर्ड होकर जोन उपायुक्त के खाते में आ जाएगी. जोन उपायुक्त स्तर पर फिर फाइल पर संबंधित कार्मिक को कार्यवाही के लिए कहा जाएगा. ऑटो फॉरवर्ड की यह व्यवस्था फिलहाल नाम हस्तांतरण के प्रकरणों में ही लागू की जा रही है. बाद में इसे सभी प्रकार के प्रकरणों में लागू किया जाएगा. 

तभी होगा उद्देश्य पूरा
आमजन से जुड़े प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए जेडीए ने नई एसओपी तो जारी कर दी है. लेकिन ये पूरी तरह और प्रभावी तौर पर लागू हो,इसके लिए जरूरी है कि इसकी पालना नहीं करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. ऐसे लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई हो जो दूसरे कार्मिकों के लिए भी एक नजीर बने. ऐसा हुआ तभी इस नई एसओपी का उद्देश्य पूरा हो पाएगा.