जयपुरः जयपुर में अजमेर रोड पर आज हुए भीषण हादसे ने सभी को झकझोर के रख दिया है. इस भीषण हादसे में कई लोगों की जान चली गई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं. इस सड़क हादसे के बाद ज्वलनशील पदार्थों के परिवहन को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
अजमेर रोड पर आज LPG से भरा एक ट्रक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया. इस सड़क हादसे में कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. हादसे के बाद लगी भीषण आग के कारण दर्जनों गड़ियाँ भी जल कर राख हो गईं. परिवहन विभाग इस सड़क हादसे की जाँच करायेगा इसके लिए परिवहन सचिव ने जिला कलेक्टर को चिट्ठी लिखी है. लेकिन आज हुए सड़क हादसे में परिवहन विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है. प्रदेश में ज्वलनशील पदार्थों का परिवहन करने वाले वाहनों की विभाग के उड़नदस्तों की ओर से प्रभावी जाँच नहीं की जाती है. इतना ही नहीं ज्वलनशील वाहनों का परिवहन करने वाले चालकों को ट्रेनिंग के बाद जो सर्टिफिकेट मिलता है वह भी सिर्फ खानापूर्ति कर के ही जारी किया जा रहा है.
नियमों के अनुसार प्रत्येक 5 वर्ष में 3 दिन का प्रशिक्षण राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से है ज़रूरी
फ़ील्ड टेस्ट करना भी ज़रूरी जो ट्रैक पर ही हो सकता है
लेकिन प्रदेश में बिना ट्रैक वाले सेंटरों को परिवहन विभाग ने दी है मान्यता
लेकिन प्रदेश में एक-दो इंस्टीट्यूट को छोड़कर किसी के पास इंस्टीट्यूट के पास नहीं है इंफ़्रास्ट्रक्चर,
बालोतरा, सीकर, अजमेर और बीकानेर में फर्जीवाडे से चल रहे हैं सेंटर
इनके एजेन्ट प्रदेश में बिना ट्रेनिंग के पैसे लेकर बाँट रहे हैं सर्टिफिकेट
ऑयल कम्पनियों ने कई बार इस पर गहरा एतराज करते हुए बड़ा हादसा होने की संभावना जताई है
एक इंस्टीट्यूट अकेले एक महीने में हजारों लोगों को एक ट्रेनर के भरोसे बिना ट्रेनिंग दे रहे है सर्टिफिकेट
आधारभूत इंफ़्रास्ट्रक्चर नहींः
प्रदेश में अभी ज्वलनशील पदार्थों का परिवहन करने वाले जितने भी संस्थान चल रहे हैं उनमे से अधिकतर संस्थान नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. सिर्फ़ 2 संस्थाओं को छोड़ कर अधिकतर संस्थान ऐसे हैं जिनके पास आधारभूत इंफ़्रास्ट्रक्चर ही नहीं है. इसी साल सितंबर के महीने में ऐसे संस्थानों की मान्यता निरस्त करने के लिए नसीराबाद के विधायक रामस्वरूप लाम्बा ने डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को चिट्ठी लिखी थी डिप्टी CM ने इस चिट्ठी को परिवहन विभाग में भिजवाया था लेकिन इस पर विभाग के अधिकारियों ने कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया. भविष्य में परिवहन विभाग को अगर इस तरह की घटनाओं को रोकना है तो ज्वलनशील पदार्थों का परिवहन करने वाले वाहनों की ट्रेनिंग पर ख़ास ध्यान देना होगा. परिवहन विभाग को जरूरत है कि इस तरह के चालकों को विशेष प्रशिक्षण दिलवाना सुनिश्चित करें इसके लिए सभी RTO और DTO की जिम्मेदारी तय करनी चाइए. इतना ही नहीं ज्वलनशील पदार्थों के परिवहन के दौरान विभाग के उड़नदस्तों को भी ऐसे वाहनों की नियमित जाँच करनी चाहिए.