बीजेपी का सॉफ्ट मुस्लिम कार्ड ! राजस्थान के करीब एक लाख मुसलमान तक पहुंचेगी सौगात, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान में मुस्लिम आबादी तकरीबन 9 प्रतिशत है, लेकिन मतदाताओं के तौर पर यह समुदाय राज्य की 36 सीटों को प्रभावित करता है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा देश के 32 लाख मुसलमानों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट गिफ्ट करेगा. राजस्थान में ये संख्या रहेगी एक लाख वंचित मुसलमान." मोदी की ईदी" के जरिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रयास होगा मुस्लिमों के बीच "कमल" की जगह बनाना. 

ईद से पहले बीजेपी मुसलमानों के लिए बड़ा अभियान चला रही है. बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा ईद से पहले 32 लाख मुसलमानों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट गिफ्ट कर रहा है. मोर्चे का कार्यकर्ता मस्जिदों के जरिए वंचित मुसलमानों को किट वितरित करेगा. राजस्थान में ऐसे मुस्लिमों की संख्या होगी एक लाख के आस पास. मोर्चे के हजारों कार्यकर्ता इस काम में जुटेंगे. 

---क्या है सौगात-ए-मोदी किट--- 
कपड़े, सेंवइयां, खजूर, मेवे और चीनी होगी
इसके अलावा महिलाओं को दी जाने वाली किट में सूट का कपड़ा होगा 
 पुरुषों की किट में कुर्ता पायजामा का कपड़ा होगा
किट के ऊपर होगी पीएम मोदी का फोटो

अभियान का मकसद ये है कि मुस्लिम समुदाय के बीच मोदी सरकार की अल्पसंख्यक योजनाओं  को प्रमोट किया जा सके. पवित्र रमजान के महीने में ईद से पहले बीजेपी का यह अभियान बेहद अहम माना जा रहा है. इस अभियान से बीजेपी देश के लाखों मुस्लिम परिवारों तक पहुंचना चाहती है और शायद नरेटिव बदलना भी. राजस्थान के बीते चुनाव परिणामों से संकेत साफ है कि यहां के मुस्लिमों का बीजेपी से पूरी तरह मोह भंग हुआ उसका एक कारण ये भी है बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया. इसका असर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की सदस्य संख्या पर भी पड़ा. लोकसभा चुनाव परिणामों ने राजस्थान में एक बात को साफ तौर पर सामने लाने का काम किया है. बीजेपी से मुस्लिम वोट लगभग पूरी तरह छिटक गया है. जबकि बीते विधानसभा चुनावों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिए जाने के बावजूद करीब 4 से 5 फीसदी वोट बीजेपी के गैर मुस्लिम उम्मीदवारों को मिले थे. लेकिन राजस्थान में पहले ऐसा नहीं था चाहे दौर भैरों सिंह शेखावत का रहा हो या वसुंधरा राजे का. बीजेपी को मुस्लिम मत मिला करते थे और उम्मीदवार भी जीतते थे. जनता पार्टी के दौर में 1977 के चुनाव में गुल मोहम्मद मंसूरी,जहूर खान और अयूब खान विधायक बने. 1980 में बीजेपी के जन्म के बाद भी मुस्लिम नेताओं को टिकट मिला और मंत्री भी बनाए गए. इनमें रमजान खान, युनूस खान समेत प्रमुख नेता अब्दुल सगीर और हबीबुर्रहमान सरीखे नेता विधायक बने. लेकिन बीते कुछ सालों में हालात बदले है इसके पीछे सिलसिलेवार कारण रहे. 2018 के विधानसभा में चुनाव में केवल 1 टिकट युनुस खान को दी थी,2013 के विधानसभा चुनाव में युनुस खान, हबीबुर्रहमान ,अब्दुल सगीर को टिकट मिला था

बीजेपी प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा की मौजूदा सदस्य संख्या -- करीब 70हजार 

2003 से 2008 के बीच सदस्य संख्या दो लाख से अधिक थी

2013 से 2018 में भी दो लाख से अधिक सदस्य संख्या रही

2021 में सदस्यता अभियान चला था इसमें मिस्ड कॉल और रसीद के जरिए मेंबर बने थे इनकी संख्या 50 हजार से अधिक रही थी 

पिछले विधानसभा चुनाव में मोर्चा की IT सेल आंकड़े बताते है कि शिव,पोकरण,कामां, फलोदी,जैसलमेर,झालरापाटन, चूरु,बीकानेर पश्चिम समेत प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में एक निश्चित अनुपात में मुस्लिम वोट बीजेपी के उम्मीदवार को मिला था. बीजेपी अल्पसंख्यक  मोर्चा को उम्मीद है की सौगात किट के जरिए मुसलमान के बीच भाजपा के कल एक छवि का निर्माण होगा. 

Advertisement