जयपुर : राजस्थान पर्यटन का यह स्वर्ण काल चल रहा है. लगातार पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इस वर्ष भी जुलाई तक 11 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों आवक हुई है. उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के नेतृत्व में विभाग में जबरदस्त समन्वय देखने को मिल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि राइजिंग राजस्थान समिट और आईफा के आयोजन के बाद राजस्थान पर्यटन अपने शीर्ष पर होगा. हमारी सांस्कृतिक विविधता के साथ ही मॉन्यूमेंट्स, कल्चरल रिचनेस, डेजर्ट, लेक और वाइल्डलाइफ राजस्थान पर्यटन की यूएसपी साबित हो रहे हैं.
प्रदेश में पर्यटकों का आगमन (जुलाई 2024 तक)
माह घरेलू विदेशी कुल
जनवरी 12721581 228691 12950272
फरवरी 12126030 268114 12394144
मार्च 17925023 252854 18177877
अप्रेल 21019000 117729 21136729
मई 9921569 47280 9968849
जून 12365783 35812 12401595
जुलाई 22905435 71706 22977141
कुल 108984421 1022186 110006607
सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राजस्थान में पर्यटन सेक्टर खनन के बाद रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है. हमारे पास जल, थल और नभ तीनों तरह के पर्यटन के ऐसे उत्पाद हैं जो देसी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, पर्यटन सचिव रवि जैन, पर्यटन आयुक्त वीपी सिंह और पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित विभाग के पास एक ऐसी अनुभवी अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम है जो लगातार पर्यटन, कला और संस्कृति के राजस्थानी दबदबे को दुनिया भर में और मजबूत कर रही है.
राजस्थान में पर्यटन को बिफोर कोरोना और आफ्टर कोरोना दो क्षेत्र में बांटे तो कोरोना के बाद की तस्वीर जबरदस्त तरीके से निखरी है. यूं तो राजस्थान में धार्मिक, ग्रामीण, वाइल्डलाइफ, मेडिकल, डेजर्ट, एक्सपीरियंशियल और फिल्म टूरिज्म जैसे अनेक सेक्टर हैं. लेकिन हमारी बोली भाषा, व्यंजन, पहनावा, लोक नृत्य व संगीत और मेहमान को भगवान मानने की संस्कृति हमें औरों से अलग करती है. हमारे पास दुनिया की दो श्रेष्ठ लग्जरी टूरिस्ट ट्रेन में शुमार पैलेस ऑन व्हील्स भी है तो गुलाबी नगरी जयपुर, झीलों की नगरी उदयपुर, सूर्य नगरी जोधपुर, स्वर्ण नगरी जैसलमेर, बाघों की नगरी सवाईमाधोपुर भी है. हमारे पास विश्व विरासत में शुमार 6 हिल फॉर्ट्स भी हैं.
विश्व विरासत में शुमार गुलाबी नगरी का परकोटा भी है. तीर्थराज पुष्कर पंछियों की नगरी के तौर पर मशहूर केवलादेव और सांभर तथा खींचन भी हैं. यही कारण है कि राजस्थान में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार का प्रयास है कि रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जाए. पर्यटन स्थलों का आधारभूत विकास और लेसर नॉन डेस्टिनेशंस को मुख्य धारा में लाने के प्रयास किया जा रहे हैं. बजट में भी पर्यटन विकास पर खास फोकस रहा है. सुखद सहयोग यह है कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है और देश और प्रदेश के पर्यटन मंत्री दोनों ही राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं. आइए आपको राजस्थान पर्यटन के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराते हैं.
- राजस्थान में पर्यटन : महत्वपूर्ण तथ्य
- देश का महत्वपूर्ण पर्यटन राज्य व विश्व पर्यटन मानचित्र पर लोकप्रिय पर्यटन डेस्टीनेशन
- वर्ष 2022 में देशी पर्यटकों के आगमन में 7वां स्थान (2021 में 11वां)
3- वर्ष 2022 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 7वां स्थान (2021 में 10वां)
- प्रदेश की जीडीपी में लगभग 5.6% की भागीदारी
- रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान
- लघु उद्योगों, लोक कलाकारों और हस्तशिल्प के संरक्षण व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
प्रमुख गतिविधियां
• पर्यटन प्रचार-प्रसार व मार्केटिंग
• मेले-उत्सवों का आयोजन
• पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं का विकास
• निवेश प्रोत्साहन पर्यटन इकाइयों का अनुमोदन
• गाइडों का चयन एवं प्रशिक्षण
• फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहन
• पर्यटक सहायता बल (TAF)
• होटल प्रबन्ध संस्थानों व फूड क्राफ्ट संस्थानों संबंधी कार्य
मेले एवं उत्सव
- विभाग द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 70 छोटे बड़े मेले उत्सवों अथवा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन अथवा प्रायोजकीय सहयोगः
- 14 प्रमुख व वृहद मेले एवं उत्सव को बजट आवंटन
- 12 मेले त्यौहार मध्यम स्तर के मेले एवं उत्सव का बजट आवंटन
- लगभग 30 लघु मेलों व आयोजनों जैसे स्थापना दिवस, जयन्ती आदि जिला स्तर पर सहयोग
- विगत कुछ वर्षों में अनुमोदित नवीन मेलों, उत्सवों अथवा निजी क्षेत्र के सांस्कृतिक आयोजन में प्रायोजकीय सहयोग
- राजस्थान स्थापना दिवस (राजस्थान फेस्टीवल) 30 मार्च का समारोह पूर्वक आयोजन
आधारभूत पर्यटन विकास कार्यों के प्रमुख प्रोजेक्ट
- सर्वधर्म समभाव पर्यटन सर्किट (89.33 करोड़)
- बेणेश्वर धाम डूंगरपुर का समग्र विकास (100.00 करोड़)
- शेखावाटी एवं गोडवाड़ पर्यटन सर्किट (58.11 करोड़)
- प्रत्येक जिले में 2-2 विकास कार्य (75.03 करोड़)
- ऐतिहासिक बावडियों का जीर्णोद्धार (19.43 करोड़)
- महाराणा प्रताप सर्किट (100 करोड़)
- सवाई मानसिंह टाउन हॉल संग्रहालय (91.02 करोड)
- ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग का विकास
- वागड़ टूरिस्ट सर्किट (23.35 करोड़)
- 20 मन्दिरों / आस्था स्थलों का विकास (300 करोड़)
विजन (Vision) @ 2047
- उत्तरदायी एवं सतत नीतियों के माध्यम से प्रदेश की नैसर्गिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना
- सामाजिक-आर्थिक विकास को और अधिक गति प्रदान करते हुए स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों को बेहतर करना
- राजस्थान को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अग्रणी पर्यटन ब्राण्ड के रूप में बढावा देना
- वर्तमान पर्यटक उत्पादों को सुद्दढ और विविधतापूर्ण बनाना
- नवीन पर्यटन स्थलों की चिन्हित कर उनका विकास करना
- नवीन पर्यटन नीतियों का निर्माण
- राजस्थान को पर्यटकों में पसंदीदा स्थल के रूप में स्थापित करना
- पर्यटकों को उच्च स्तरीय अनुभव प्रदान करना
- पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना
- पर्यटन उद्योग को सशक्त बनाकर प्रदेश की जीडीपी में बढ़ोतरी करना
राजस्थान पर्यटन एक बार फिर से पायनियर की पोजीशन में पहुंच रहा है. 2022 में हम पहले 7 में शामिल थे, 2023 में पहले पांच में और उम्मीद की जा रही है कि 2027 तक हम टॉप 2 में शामिल होंगे. सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 20 फीसदी तक पहुंचाया जाए. इस लक्ष्य में राइजिंग राजस्थान समिट और आईफा अवार्ड मील का पत्थर साबित होंगे.