VIDEO: सीपीए का सम्मेलन कल से दिल्ली में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुलाया सम्मेलन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: संसदीय लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में कल से दिल्ली में दो दिवसीय सीपीए सम्मेलन की शुरुआत होगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीपीए का सम्मेलन बुलाया है. इसमें देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष और सचिव भाग लेंगे. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सम्मेलन में भाग लेंगे और राजस्थान विधानसभा में हुए नवाचारों को सामने रखेंगे.

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की वर्तमान में लगभग 180 शाखाएँ हैं. दुनिया भर में यह नौ क्षेत्रों में विभाजित है. अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटिश द्वीप और भूमध्य सागर, कनाडा, कैरिबियन, अमेरिका और अटलांटिक, भारत, प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया. सीपीए मुख्यालय सचिवालय लंदन में स्थित है. सीपीए की स्थापना 1911 में एम्पायर पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के रूप में की गई थी, जिसकी पहली शाखाएँ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूफ़ाउंडलैंड, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ़्रीका और यूनाइटेड किंगडम में थीं, बाद की शाखा पूरे एसोसिएशन का प्रशासन करती थी. 1948 में एसोसिएशन ने अपना नाम बदलकर वर्तमान कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन कर लिया.CPA वह संगठन है जो सुशासन , लोकतंत्र और मानव अधिकारों का समर्थन करने के लिए काम करता है. भारत भी CPA में शामिल है. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर सीपीए सम्मेलन दिल्ली में होगा. दसवें सीपीए सम्मेलन में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी भाग लेंगे.
विधानसभा अध्यक्षों का दो दिवसीय सम्मेलन 23 और 24 सितंबर को लोकसभा में ओम बिरला की अध्यक्षता में होगा. सतत एवं समावेशी विकास में विधायिका की भूमिका पर विचार व्यक्त विधानसभा अध्यक्ष देवनानी अपनी बात रखेंगे और राज्य विधानसभा में हुए नवाचारों को गिनाएंगे.

-- राजस्थान विधानसभा के नवाचार --
राजस्थान विधान सभा में आमजन के प्रवेश हेतु विधान सभा जनदर्शन
 सदन को पेपर लैस किये जाने हेतु ई- विधान सभा का आगाज
सत्र आरम्भ करने से पहले सर्वदलीय बैठक की शुरुआत
राजस्थान विधानसभा में पहली बात लंच ब्रेक  
राजस्थान विधानसभा के कैलेण्डर को नया रूप
पहली बार समाहित किए गए वीर - वीरांगनाओं और महापुरूषों के चित्र

राजस्थान की विधानसभा के नवाचारों के तहत माइल स्टोन काम हुए है. जो बेहद अहम है. इनमें प्रमुख तौर विधायकों के लिए आधुनिक आवास का निर्माण और कांस्टीट्यूशनल क्लब की अवधारणा को मूर्त रूप. उल्लेखनीय है राजस्थान में भी सीपीए के सम्मलेन हो चुके. मकसद एक ही विधानसभा अधिक से अधिक चले.