केंद्र की मंजूरी के बगैर हरियाणा सरकार का MSP का वादा रहेगा अधूरा, किसानों और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के बीच बहस शुरू

केंद्र की मंजूरी के बगैर हरियाणा सरकार का MSP का वादा रहेगा अधूरा, किसानों और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के बीच बहस शुरू

नई दिल्ली: केंद्र की मंजूरी के बगैर हरियाणा का MSP का वादा अधूरा रहेगा.  हरियाणा सरकार ने 24 फसलें MSP पर खरीदने का फैसला किया है.  इसको लेकर किसानों और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के बीच बहस शुरू हो गई है. 

इस फैसले के लिए नायब सिंह सैनी सरकार की सराहना हो रही है. लेकिन यह फैसला केंद्र की मंजूरी के बगैर लागू होना मुश्किल है. पहले MSP पर14 फसलें खरीदी जाती थीं लेकिन अब संख्या बढ़कर 24 हो गई है.

 MSP की सूची में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना की फसल शामिल है. हरियाणा और पंजाब में केंद्र सरकार फसलों का MSP तय करती है.