विश्वविख्यात सम के धोरों में वास्तविक रिसोर्ट्स की बन रही कुंडली, फर्जी होंगे दरकिनार

जैसलमेरः देशभर के सैलानियों में जैसलमेर और सम सेंड ड्यून्स के प्रति बढ़ते आकर्षण को फर्जीवाड़े की मदद से वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों पर अब नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी गई है. ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों की सूची में फर्जी रिसोट्र्स को दर्ज करवाकर सैलानियों के साथ ठगी के सैकड़ों प्रकरण बीते वर्षों के दौरान जैसलमेर में सामने आए हैं. इसके बाद इस सबके विरुद्ध सैलानियों की तरफ से जहां शिकायत-दर-शिकायतें सामने आई वहीं वास्तविक रूप से व्यवसाय करने वाले रिसोर्ट व्यवसायियों ने भी आवाज उठाई. उसका असर अब देखने में आने लगा है. जिला कलेक्टर के इस मामले को गंभीरता से लिए जाने के बाद पर्यटन विभाग हरकत में आया है और अब सभी वास्तविक रूप से रिसोर्ट चलाने वालों से फॉर्म भरवाया जा रहा है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसियों को पर्यटन विभाग की ओर से तैयार की गई सूची भेजी जाएगी. जिस पर कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसियां अन्य फर्जी यानी फेक रिसोट्र्स को अपनी सूची से बाहर करेंगी. उन्हें इस संबंध में विभाग ने पत्र भी लिखे हैं. एक जानकारी के अनुसार सम क्षेत्र में वास्तविक कैम्प व रिसोट्र्स करीब 160 है, जबकि अलग-अलग ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों में यह तादाद 250 से 600 तक है.

पर्यटक स्वागत केंद्र की तरफ से सम क्षेत्र में संचालित कैम्प और रिसोर्ट वालों से भौतिक सत्यापन करवाने की कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत संबंधित लोगों से उनकी प्रॉपर्टी का नाम, ब्लॉक, रजिस्टर्ड आइडी, जिस जगह पर कैम्प या रिसोर्ट आया हुआ है, उस जमीन का खसरा नंबर, जमीन के मालिक का नाम, किरायानामा, मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस व वेबसाइट जहां वह दर्ज है, उसके बारे में एक निर्धारित फॉर्म में जानकारी ली जा रही है. इसी तरह से कैम्प और रिसोर्ट वालों से उनका पता, टेंट्स की संख्या, टिन नं., उनके यहां अग्निशमन यंत्र उपलब्ध है अथवा नहीं और उन्होंने पर्यटन विभाग और प्रशासन से जो अनुमति ली हुई है, उसके बारे में जानकारी ली जा रही है. साथ ही प्रत्येक कैम्प व रिसोर्ट संचालक से उनकी यूनिट के प्रत्येक एंगल से फोटोग्राफ भी मंगवाए गए हैं.

प्रशासन से की गई थी मांग
गौरतलब है कि सम कैम्प एंड रिसोर्ट वेलफेयर सोसायटी ने गत दिनों सम सेंड ड्यून्स क्षेत्र में फर्जी (फेक) रिसोट्र्स के ऑनलाइन सूचीकरण पर रोक लगवाने की मांग जिला प्रशासन से की गई थी. सोसायटी के प्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में ऑनलाइन फेक रिसोर्ट से पर्यटकों के साथ ठगी करने वालों के साथ सख्ती से कार्रवाई करवाने की मांग की गई ताकि जैसलमेर पर्यटन की साख को धूमिल होने से बचाया जा सके. सोसायटी ने कहा था कि ऑनलाइन बुकिंग साइट्स पर बड़ी संख्या में फर्जी रिसोट्र्स का सूचीकरण हो रखा है जबकि धरातल पर ऐसे रिसोर्ट ही नहीं है. उनसे बुकिंग करवाने वाले पर्यटकों को यहां आने के बाद ठगे जाने का अहसास होता है और इससे सम में पर्यटन व्यवसाय का नाम खराब होता है. पर्यटकों से जुड़ी वेबसाइट्स व पोर्टल पर उनका सूचीकरण होने से सैलानी उनसे बुकिंग करवा कर ठगे जा रहे हैं.

लंबे समय से परेशानी, अब मिलेगी राहत
सम क्षेत्र में फेक रिसोट्र्स के खिलाफ जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पर्यटक स्वागत केंद्र की तरफ से वास्तविक कैम्प व रिसोर्ट का सर्वे कार्य चल रहा है. यह बहुत सराहनीय कदम है. हम लम्बे समय से फेक रिसोट्र्स की तरफ से की जाने वाली धोखाधड़ी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं.

फर्जीवाड़ा पर लगेगा अंकुश
सभी रिसोर्ट संचालकों से फॉर्म भरवाया जाकर जानकारियां जुटाई जा रही हैं. भौतिक सत्यापन के बाद उन रिसोट्र्स व कैम्प की सूची ऑनलाइन टे्रवल एजेंसियों को दी जाएगी. इन एजेंसियों को पत्र लिखकर बताया गया है कि वे उनकी रिसोट्र्स व कैम्प को सूचीबद्ध करें, जिनका भौतिक सत्यापन हमारे विभाग ने किया है. इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगने की पूरी उम्मीद है.