NHA के 100 माइक्रोसाइट्स प्रोजेक्ट किस तरह भारतीय नागरिकों की बदल रहे जिंदगी

NHA के 100 माइक्रोसाइट्स प्रोजेक्ट किस तरह भारतीय नागरिकों की बदल रहे जिंदगी

मुंबई: 2021 में भारत ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य एक ऐसा एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना था, ताकि मरीजों, डॉक्टरों, हॉस्पिटल और लैब जैसे हेल्थकेयर प्रदाताओं और बीमा कंपनियों और सरकार जैसे महत्वपूर्ण हितधारकों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके. इस तरह की पहल को शुरू करने के पीछे का कारण लागत को कम करना, पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ाना और सभी के लिए हेल्थकेयर के सपने को सच करना है.

 पिछले तीन वर्षों में, ABDM को बड़े पैमाने पर लागू किया गया है. इस पहल के तहत 46 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बने हैं, 3.2 लाख हेल्थ केयर सुविधाएं रजिस्टर हुई हैं और 4.5 लाख हेल्थ प्रोफेशनल्स रजिस्टर हुए हैं. इस वृद्धि में केन्द्र और राज्यों की चलाई जा रही पहलों, जैसे कि PM-JAY (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना), CoWin और सरकारी हॉस्पिटल में फास्ट-ट्रैक OPD प्रोजेक्ट्स का बहुत बड़ा योगदान रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने ABDM को एक कदम आगे बढ़ाते हुए 100 माइक्रोसाइट्स प्रोजेक्ट शुरू किया है, जो विभिन्न शहरों के निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं, जैसे क्लीनिक, लैब और फार्मेसी को जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसका लक्ष्य ABDM के बारे में जागरूकता पैदा करना है, ताकि मरीजों और हेल्थकेयर प्रदाताओं को इसके लाभों के बारे में बताया जा सके, साथ ही ABDM मानकों पर काम करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है.

यह क्यों ज़रूरी है? इससे हर व्यक्ति को हेल्थकेयर सुविधाओं का लाभ मिलेगा. रोगी अक्सर उस जगह पर हेल्थकेयर सुविधाओं की तलाश करते हैं, जहां वे रहते हैं. सोचें कि अगर सभी स्थानीय हेल्थकेयर सुविधाएं ABDM के साथ जुड़ जाती हैं, तो लोग कितनी आसानी से इसका लाभ ले पाएंगे इससे रोगियों और उनके परिवार वालों का जीवन आसान हो जाएगा. जहां तक ‘फास्ट-ट्रैक OPD सिस्टम’ का सवाल है, तो कई शहरों में लोगों को इसके बारे में पहले से पता है और पूरे भारत में सैकड़ों सरकारी हॉस्पिटल में हर रोज़ इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रीफकेस एक ऐसी ऐप है, जिसका इस्तेमाल OPD की लंबी कतारों से बचने के लिए व्यापक रूप से सरकारी हॉस्पिटल में किया जा रहा है. कुछ संस्थाएं इस पायलट प्रोजेक्ट को केवल एक कार्य के रूप में देखती हैं, लेकिन एक मरीज की नज़र से देखें, तो सबसे ज़रूरी बात यह है कि यह पक्का किया जाए कि मरीज को जिन हेल्थकेयर सुविधाओं की सबसे अधिक ज़रूरत होती है, वे सभी ABDM नेटवर्क पर मौजूद हों. यहां माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट की भूमिका शुरू होती है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात जैसे कई राज़्यों में 100 से ज़्यादा माइक्रोसाइट्स पहले ही चल रही हैं और कई राज्यों में इसे शुरू करने की तैयारी चल रही है.

अंत में, ABDM हर नागरिक को हेल्थकेयर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भारत की प्रतिबद्धता है. यह माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट सभी को हेल्थकेयर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह उपलब्धि केवल हेल्थकेयर प्रदाताओं की बड़ी संख्या के बारे में नहीं है, बल्कि लोगों को ज़रूरत के समय उनके नज़दीक सही हेल्थकेयर प्रदाताओं की उपलब्धता के बारे में भी है. इस प्रोजेक्ट से भारत का हेल्थकेयर सेक्टर पूरी तरह से बदल रहा है.