जोधपुरः जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट का प्लेटिनम जुबली महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. ऐसे में इस अवसर पर राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम हो रहा है. न्याय प्रणाली के सशक्तिकरण में प्रौद्योगिकी की भूमिका विषय पर सेमिनार में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हमने दुनिया में अपने आप को साबित किया है. भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी की मिसाल बना है.
लोकतंत्र शासन चलाने की सही प्रणाली है. हमने आर्थिक, सामाजिक प्रगति की लेकिन अभी हमें दुनिया में साबित करना है. हममें विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है. लोगों में विश्वास है कि जब शासन मुझे न्याय नहीं देगा, तो न्यायपालिका मुझे न्याय देगी. संविधान में सभी के लिए कार्य विभाजन किया गया है. तीनों अंग अपने-अपने काम कर रहे है. इसलिए आज देश तेजी से आगे बढ़ा है. बड़े से बड़े मुद्दे का समाधान बातचीत से किया है.
पीड़ित गरीब शोषित को सस्ता न्याय दिलाना लक्ष्यः
मोदी जी ने 2047 में विकसित भारत का सपना देखा है. लेकिन वह तभी संभव होगा जब न्याय पालिका मजबूत होगी. सुप्रीम कोर्ट की तरह राजस्थान हाईकोर्ट ने भी हिंदी में ऑर्डर पारित किए है. इसके लिए हाईकोर्ट के न्यायाधीश साधुवाद के पात्र है. पीड़ित गरीब शोषित को सस्ता न्याय दिलाना लक्ष्य होना चाहिए. बार बेंच संवाद करे कि न्याय प्रणाली को बेहतर किया जाए.
अब वीसी से गवाही हो रही है. हर केस टाइम बाउंड निस्तारित करने का प्रयास होना चाहिए. भारत सरकार ने तीन कानून में संशोधन किए है. अभी तक अंग्रेजों के जमाने के बनाए कानून पर काम हो रहा था. जो परिवर्तन हुए है उससे त्वरित न्याय मिलेगा. डिजिटल का उपयोग त्वरित एवं सस्ता न्याय मिल सकता है. जो भी विधिक संस्था है उसे एक प्लेटफार्म पर ला रहे है. लोकसभा को भी डिजिटल किया जा रहा है. बार और बेंच मिलकर आपस में संवाद करे. तकनीकी का उपयोग करे. तो मैं मानता हूं कि हम पीड़ित को त्वरित सुलभ न्याय मिलेगा. जोधपुर एक मिसाल बने कि जो भी इनोवेशन होगा वह जोधपुर से होगा.
दुनिया में कई देशों में लोकतंत्र पर लगे प्रश्न चिन्हः
हमारी यात्रा का यह अंतिम पड़ाव नहीं है. अंतिम पड़ाव तब होगा जब अंतिम व्यक्ति तक त्वरित न्याय पहुंचा सकेंगे. 75 वर्षों की यात्रा में देश एवं प्रदेश की जनता का विश्वास नहीं खोया. दुनिया में कई देशों में लोकतंत्र पर प्रश्न चिन्ह लगे है. लेकिन हमने लोगों का विश्वास जिंदा रखा. 65 करोड़ मतदाताओं ने मतदान कर सरकार को चुना है. यह विश्वभर के लिए एक मिसाल है. चुनाव आयोग ने अपनी पारदर्शिता एवं जवाबदेही से निष्पक्ष चुनाव प्रणाली बनाई है.
इस यात्रा में 28 न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दी. हम सभी को गर्व होता है कि इन लोगों ने जहां भी काम किया है. राजस्थान का नाम ऊपर किया है.