जैसलमेर : भारतीय वायु सेना देश का सबसे बड़ा हवाई सैन्य अभ्यास गगन शक्ति करने जा रही है. इसमें देश के सभी वायु सेना स्टेशन की भागीदारी होगी. अमरीका हो या चीन या हो पाकिस्तान इस अभ्यास पर सबकी निगाहें रहेंगी. भारतीय वायुसेना का देश का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास ‘गगन शक्ति’ 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं. इस अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना के सभी हवाईअड्डे सक्रिय रहेंगे. इसमें तेजस, राफेल, सुखोई 30, जागुआर, ग्लोबमास्टर, चिनूक, अपाचे, प्रचंड सहित कई लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे.
जानकारी के अनुसार इस युद्धाभ्यास में मेक इन इंडिया के तहत निर्माण किए गए एल.सी.एच व ए.एल.एच लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का भी परीक्षण किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस अभ्यास के दौरान वास्तविक युद्ध जैसे हालात तैयार करके ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है. ‘गगन शक्ति अभ्यास’ में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, एलसीए तेजस, मिराज 2000, मिग-21 बाइसन, हॉक और जगुआर विमान भी इसमें शामिल होंगे. इस अभ्यास में कार्गो सी-17 और सी-130 जे भी भाग लेंगे. इसमें वायु सेना के 15000 अफसरों से लेकर सैनिक तक शामिल होंगे और इनका साथ थल सेना के 300 अफसर व जवान देंगे. सूत्रों ने बताया कि युद्धाभ्यास में रात में भी सटीक हमले पर अधिक ध्यान रखा जाएगा. अपाचे हेलिकॉप्टर और चिनूक के साथ भारत के ध्रुव हेलिकॉप्टर भी नाइट ऑपरेशन में हिस्सा लेंगे. रात के ऑपरेशन में लड़ाकू हेलीकॉप्टर से टारगेट्स पर रॉकेटों की बौछार दिखेगी. अपाचै, चिनूक हेलिकॉप्टर भी शामिल होंगे. एमआई-17 वी-5, रुद्र, एमआई-35 ग्राउंड के साथ हवा में टारगेट हिट करेंगे. पैरा कमांडो को एयर ड्रॉप करेंगे.
गगन शक्ति’ के तहत इसमें उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे को समग्र रूप से शामिल करते हुए अलग-अलग हिस्सों में वायु सेना अभ्यास करेगी. इसमें भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और लड़ाकू हेलीकॉप्टर अलग अलग वायु सेना अड्डे से उड़ान भरेंगे और राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में बनाए गए लक्ष्य पर निशाना साध दुश्मन को तबाह करेंगे.भारतीय वायु सेना की तमाम तैयारियों में भारतीय थल सेना साथ देगी. रक्षा मंत्रालय ने इस अभ्यास के तहत ऑपरेशनल रेल मोबिलाइजेशन प्लान को हरी झंडी दे दी है. इसके तहत करीब 10 हजार वायुसैनिकों और गोला-बारूद की पूरे देश में आवाजाही की सुविधा दी है.
पोखरण रेंज में हो रहे इस अभ्यास से एक बार फिर पाकिस्तान कांपेगा क्योंकि यह वहीं स्थान है जहां 1998 में भारत ने अमेरिका की निगरानी को धता बताकर परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था. पाकिस्तान के साथ ही हर देश यह जान चुका था कि अब भारत भी परमाणु शक्ति से लैस है.