जयपुर: प्रदेश में सामान्य मानसून को देखते हुए खरीफ-2024 के लिए विभिन्न फसलों के जिलेवार क्षेत्रफल (बुवाई), उत्पादन और उत्पादकता के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. बड़ी बात यह है कि प्री मानसून की झमाझम बारिश के साथ ही किसान फसलों की बुवाई का काम शुरू कर देते हैं. लेकिन इस बार अब तक प्री मानसून की झमाझम का इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में यदि मानसून देरी से आता है तो बुवाई का बोझ पड़ेगा और उस दौरान उपकरणों की व्यवस्था करना भारी पड़ सकता है.
मौसम विभाग इस बार प्रदेश में सामान्य मानसून की संभावना जता रहा है. इसमें भी कुछ जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हो सकती है. इसे देखते हुए किसान से इस बार खरीफ सीजन के दौरान अच्छे उत्पादन की उम्मीद लग रही है. लेकिन जून में अब तक प्री मानसून की बारिश मेहर नहीं बरसा सकी है. वैसे तो किसान जून के अंतिम सप्ताह तक खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देता है, लेकिन इस बार लगता है कि जुलाई के पहले सप्ताह में बुवाई शुरू हो सकेगी. ऐसे में किसान को बुवाई के लिए कम समय मिल सकता है.
कृषि विभाग से जुड़ी बड़ी खबर
खरीफ-2024 फसल बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
खरीफ फसल में अनाज बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
चावल का बुवाई लक्ष्य 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर
ज्वार का बुवाई लक्ष्य 6 लाख 10 हजार हैक्टेयर
बाजरा का बुवाई लक्ष्य 43 लाख 80 हजार हैक्टेयर
मक्का का बुवाई लक्ष्य 9 लाख 70 हजार हैक्टेयर
छोटे धान्य का बुवाई लक्ष्य 6 हजार हैक्टेयर
कुल बुवाई लक्ष्य 61 लाख 76 हजार हैक्टेयर
खरीफ फसल में दलहन बुवाई के लक्ष्य निर्धारित
मूंग का बुवाई लक्ष्य 25 लाख हैक्टेयर
मोठ का बुवाई लक्ष्य 9 लाख 80 हजार हैक्टेयर
उड़द का बुवाई लक्ष्य 4 लाख 30 हजार हैक्टेयर
चौला का बुवाई लक्ष्य 60 हजार हैक्टेयर
अरहर का बुवाई लक्ष्य 8 हजार हैक्टेयर
दलहन का कुल बुवाई लक्ष्य 39 लाख 79 हजार हैक्टेयर
तिलहन फसलों के बुवाई लक्ष्य निर्धारित
मूंगफली का बुवाई लक्ष्य आठ लाख हैक्टेयर
तिल का बुवाई लक्ष्य 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर
सोयाबीन का बुवाई लक्ष्य 11 लाख 50 हजार हैक्टेयर
अरंडी का बुवाई लक्ष्य एक लाख 80 हजार हैक्टेयर
तिलहन बुवाई का कुल लक्ष्य 23 लाख 80 हजार हैक्टेयर
कृषि विभाग की माने तो खरीफ-2024 में विभिन्न फसलों का बुवाई लक्ष्य 1 करोड़ 64 लाख 75 हजार हैक्टेयर रखा गया है. विभाग ने उत्पादन और उत्पादकता का लक्ष्य भी तय कर दिया है. अब किसान बारिश का इंतजार कर रहा है ताकि बुवाई का काम शुरू किया जा सके. लक्ष्य निर्धारित करने के बाद विभाग अब खाद-बीज की व्यवस्था में जुट गया है. देखने वाली बात यह है कि मौसम विभाग की संभावना कितनी सटीक बैठती है ताकि किसान के खेत में खरीफ का उत्पादन बेहतर हो सके.