उदयपुर के गोगुंदा से इस वक्त की खबर, मोडी के काकण का गुड़ा में पैंथर ने वृद्ध पर किया हमला

उदयपुर: उदयपुर के गोगुंदा से इस वक्त की खबर मिल रही है. मोडी के काकण का गुड़ा में पैंथर ने वृद्ध पर हमला किया है. घर से कुछ दूर खेतों पर घास काटते मोहन लाल गमेती पर पैंथर ने हमला बोला. मोहनलाल गेमती के जोर जोर से चिल्लाने पर पैंथर मौके से भाग छूटा. आसपास खेतों पर काम कर रहे लोग मौके पर दौड़े. सूचना पर पूर्व मोडी सरपंच प्रहलाद सिंह झाला मौके पर पहुंचे. झाला की सूचना पर गोगुंदा थानाधिकारी शैतान सिंह नाथावत मौके पर पहुंचे. अचानक हुए पैंथर के हमले से ग्रामीण दहशत में आए.

आपको बता दें​ कि उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र में आदमखोर तेंदूए का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. महज 11 दिनों में ही इस तेंदुए ने 7 लोगों का शिकार कर मौत के घाट उतार दिया है. इन धटनाओं से ना केवल पूरे इलाके में दहशत का माहौल है वही ग्रमीणों का आकोश भी बढ़ने लगा हैं. यही नहीं महज 48 घंटे में राठौडो का गुड़ा इलाके में इस पैंथर ने एक के बाद एक दो लोगों को अपना शिकार बनाया. हालांकि तेंदुए के बढ़ते आतंक के बीच वन विभाग ने इस आदमखोर को देखते ही गोली मारने के आदेश भी अपनी टीमों को दिए हैं. वन विभाग के अलावा पुलिस और सेना के शूटर भी तेंदुए के सर्च अभियान में जुटे हुए हैं. 

पिछले 11 दिनों में सात लोगों को अपना शिकार बना चुका आदमखोर तेंदुआ अभी भी गोगुंदा इलाके में आतंक का पर्याय बना हुआ है. पुलिस, सेना और वन विभाग की दर्जनों टीमें इस आदमखोर को पकड़ने या मारने के लिए पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर हैं. हालांकि पिछले दिनों वन विभाग ने पिंजरे लगाकर 4 तेंदुओं को पकड़ा भी, लेकिन यह आदमखोर तेंदुआ अभी भी जंगलों में खुला घूम रहा है. वन विभाग के डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि आदमखोर पैंथर को पकड़ने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं. घटनास्थल पर दो पिंजरे भी लगाए गए हैं, लेकिन अब तक पैंथर को पकड़ा नहीं जा सका है.

सोमवार को इस आदमखोर तेंदुए द्वारा एक और महिला की जान ले लेने की घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल भी मौके पर पहुंचे थे और जिम्मेदार अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए ​थे. जिला कलेक्टर ने साफ किया पुलिस, प्रशासन, सेना और वन विभाग की कोशिश इस आदमखोर तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की है और यदि यह तेंदुआ मानवीय जान के लिए खतरा बना रहता है तो इसे गोली मारने से भी  नहीं चूकेंगे.

तेंदुए के बढ़ते आतंक के बीच ग्रामीणों से अपील की जा रही हैं कि वे अकेले न निकलें, खुले में न सोएं, और समूह में ही घरों से बाहर जाएं.दरअसल इस तेंदुए के हमलों की  कड़ी पिछले 11 दिनों में शुरू हुई. जब इसने 18 सितम्बर को उंडीथल गांव की कमला पर हमला किया, जिसके बाद 19 सितम्बर को भेवड़िया गांव के खुमाराम गमेती, 20 सितम्बर को हमेरी भील, 25 सितम्बर को कुंडाऊ गांव की एक छह वर्षीय बच्ची, और 28 सितम्बर को गटू गुर्जर को निशाना बनाया गया. 29 सितंबर को पुजारी विष्णु पुरी और 1 अक्टूबर को एक और महिला की मौत के बाद ग्रामीणों में और भी अधिक दहशत फैल गई है.