जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर क्या बहरी, चिड़चिड़ी और आक्रामक हो रही है? ध्वनि प्रदूषण से जयपुराइट्स का मिजाज बिगड़ रहा है. साइलेंस और सामान्य जोन में सामान्य से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण है. साइलेंस जोन में शोर सामान्य से 18 से 22 डेसीबल ज्यादा है. आवासीय में 22 से 27 डेसीबल ज्यादा शोर,
वाणिज्यिक में 7 से 20 डेसीबल तक ज्यादा है.
गवर्नर हाउस और दुर्लभजी अस्पताल को साइलेंस जोन माना जाता है. यहीं ध्वनि के मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है. अनिद्रा, दमा, खुजली, हाई बीपी, सिर दर्द, गैस्ट्राइटिस, कोलाइटिस, और दिल का दौरा भी संभव है. वन्यजीवों के बीच अशांति का कारण, मेटिंग कॉल और ब्रीडिंग पैटर्न में गड़बड़ी है.
#Jaipur: एसोसिएट एडिटर निर्मल तिवारी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
— First India News (@1stIndiaNews) June 26, 2024
क्या बहरी, चिड़चिड़ी और आक्रामक हो रही है प्रदेश की राजधानी ?, ध्वनि प्रदूषण से बिगड़ रहा जयपुराइट्स का मिजाज...@Sanjay4India1 @ForestRajasthan @Shikhar_IAS @RSPCB_official @jaipur_police @DcDmJaipur @Nirmaltiwaribki pic.twitter.com/6Hm25NacNw
साइलेंस, आवासीय, वाणिज्यिक जोन में सर्वाधिक शोर है. जिस औद्योगिक जोन में सर्वाधिक शोर की थी आशंका वहां शोर मानकों से भी कम है. बड़ा सवाल-'जब उद्योग समझ रहे जिम्मेदारी तो बाकी जगह क्यों हो रहा इतना शोर ? क्या जिला और पुलिस प्रशासन शोर कम करने पर सख्ती करेंगे ? या फिर राजधानी को बढ़ते शोर की कीमत चुकानी होगी ?