दिल्ली विधानसभा में ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बोले ओम बिरला, सदन के अंदर गतिरोध नहीं होना चाहिए,नियमों के दायरे में आरोप-प्रत्यारोप करें

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विधायी नियम प्रक्रियाओं में दक्षता हासिल करनी चाहिए. दिल्ली के अंदर ईमानदारी और पारदर्शिता होना जरूरी है. आज जनता की समस्याओं के समाधान के लिए नए इनोवेशन की जरूरत है. आपका प्रयास और इनोवेशन एक संदेश लेकर जाएगा.

सदन के अंदर गतिरोध नहीं होना चाहिए:

ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र के अंदर प्रतिपक्ष की भी भूमिका होती है. सदन के अंदर गतिरोध नहीं होना चाहिए,नियमों के दायरे में आरोप-प्रत्यारोप करें. जनता से संवाद और संपर्क बनाए रखना चाहिए. सदन में मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा होनी चाहिए. दिल्ली की चुनौतियों का समाधान हर विधायक का लक्ष्य होना चाहिए. मैं आशा करता हूं आप दो दिन में अपने विचार और सुझाव साझा करेंगे. दिल्ली की विधानसभा को मॉडल विधानसभा बनाया जाए. मैं आप सभी को आपके नये दायित्व के लिए बधाई देता हूं.

हमें अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाना है:

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यक्रम में मौजूद सभी माननीयों का आभार जताते हुए कहा कि मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन स्वागत करता हूं. जनता ने आप सबको बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं. हमें अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाना है. दिल्ली को मिनी भारत के रूप में जाना जाता है. देश में एक नया संदेश जाना चाहिए. ये सदन करोड़ों जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने का सदन है.

जनता को नई सरकार से बड़ी अपेक्षाएं और आकांक्षा:

ओम बिरला ने कहा कि जनता को नई सरकार से बड़ी अपेक्षाएं और आकांक्षा है. दो दिन तक विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया जाएगा. विधानसभा की इस कार्यवाही के अंदर हम श्रेष्ठ श्रोता के रूप में बैठें. एक श्रेष्ठ श्रोता ही एक अच्छा वक्ता हो सकता है. हमें नई सोच के साथ काम करने की जरूरत है. ओम बिरला ने कहा कि भारत के संविधान और नियम प्रक्रिया की जानकारी होनी चाहिए. हमारी भाषा,विचार और दृष्टिकोण से हम श्रेष्ठ बन सकते हैं. हमारी भाषा संसदीय होनी चाहिए,तर्कों से बातों को रखें. बदलती परिस्थितियों के अंदर तकनीक का उपयोग करें.

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