VIDEO: राजस्थान दिवस के मौके पर मिर्जा राजा जयसिंह का वैक्स स्टेच्यू जयपुर वैक्स म्यूजियम के शीशमहल में होगा स्थापित, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: नाहरगढ स्थित जयपुर वैक्स म्यूजियम के शीशमहल में कल राजस्थान दिवस से आमेर रियासत के शासक और अदभुत शीशमहल की परिकल्पना और उसका निर्माण करने वाले मिर्जा राजा जयसिंह के वैक्स के पुतले का पर्यटक दीदार कर सकेंगे. मिर्जा राजा जयसिंह आमेर रियासत के शासक थे, उन्होने 3 मुग़ल बादशाह जहांगीर, शाहजहां, और औरंगज़ेब का शासन काल देखा और सर्वाधिक 46 वर्ष तक सन 1621-1667 तक आमेर पर शासन किया. मुग़ल बादशाह शाहजहां ने 1637 ई. में जयसिंह को मिर्जा राजा की उपाधि से सम्मानित किया. वैक्स के पुतले को शीशमहल की राजगद्दी पर स्थापित किया जा रहा है,  मिर्जा राजा जयसिंह के वैक्स फिगर के साथ उनके मंत्री, सेनापति और दरबारी के वैक्स फिगर भी स्थापित किया गया है, जिससे पर्यटकों को बाकायदा राज दरबार का साक्षात अनुभव हो l वैक्स के पुतले का वजन लगभग 38 किलोग्राम है, जबकि लंबाई लगभग 6 फिट है. 

जयपुर वैक्स म्यूजियम के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि हालांकि अद्भुत छटा वाले विभिन्न चटख रंगों से भरे तीस लाख से भी ज्यादा कांच के टुकडो, और ठीकरी की कारीगरी के साथ तराश कर बने शीशमहल को देखकर पर्यटक अचम्भित हो जाते हैं फिर भी मुझे हमेशा ही कुछ कमी सी ही महसूस होती थी, इसलिए शीशमहल के दरबार को वैक्स फिगर से लाइव करने का निर्णय लिया और हमारा यह फैसला सही रहा शीशमहल मे मानो आत्मा का प्रवेश हो गया और शीशमहल महल जीवंत हो गया. इससे निश्चित तौर पर पर्यटक को भी महल देखने का अलग ही अनुभव होगा. यह भी उल्लेखनीय है कि दुनिया का यह पहला शीशमहल है जिसका फ्लोर भी कांच का है.

नाहरगढ के इस शीशमहल को देखकर देसी ही नहीं विदेशी पर्यटक भी प्राचीन काल में पहुंचने का अनुभव करते हैं. अनूप ने बताया कि वैक्स फिगर का निर्माण विभिन्न एतिहासिक किताबों में उपलब्ध पेंटिंग को देखकर किया गया है. उल्लेखनीय है कि जयपुर वैक्स म्यूजियम दुनिया का ऐसा प्रथम वैक्स म्यूजियम है जो किसी " हेरिटेज साईट " नाहरगढ़ किले पर बनाया गया है, और यहाँ पर मौजूद देश-विदेश की नामी हस्तियों की नयनाभिराम मोम की मूर्तियों के साथ-साथ जयपुर रियासत के महाराजाओं और महारानी के भव्य वैक्स स्टेच्यू " रॉयल दरबार " के भव्य सेट और परिवेश में देखने को मिलते हैं.

कलात्मक रॉयल दरबार और भव्य शीशमहल का यह अदभुत संगम पर्यटकों को इस धरती पर सिर्फ यहीं देखने को मिलेगा. जयपुर वैक्स म्यूजियम को देशी विदेशी अन्य म्यूजियमों से एक बात और जुदा करती है वो है कि इस म्यूजियम को बनाने, में जैसी कि इसकी साज सज्जा, वाल पेंटिंग तथा अन्य सभी सेट को बनाने में कलाकारों ने अपने हाथ की कला का इस्तेमाल किया है, जबकि अन्य जगह फ्लेक्स विनायल जैसी आधुनिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. लोकप्रियता और पर्यटकों की पसंद के हिसाब से अब यह कहने में कोई अतिश्योक्ति की बात नहीं है कि जयपुर वैक्स म्यूजियम देश का ही नहीं दुनिया का नम्बर वन वैक्स म्यूजियम बन चुका है.

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