जयपुर: राजकीय आवासों के ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रक्रिया भजनलाल सरकार में भी सिरे नहीं चढ़ पाई है. ऑनलाइन आवास आवंटन के लिए बने सॉफ्टवेयर को लेकर कुछ मुश्किलों के बाद यह प्रक्रिया शुरू करना अभी भी चुनौती बनी हुई है. सरकारी आवासों के इच्छुक कर्मियों और अधिकारियों के आवेदनों की भरमार रहती है और अलग-अलग श्रेणी में इतने आवास खाली नहीं होते.ऐसे में काफी लंबे समय से सरकारी आवासों के आवंटन का काम ऑनलाइन करने की मांग जोर पकड़ रही थी, लेकिन अभी भी इसमें खासी प्रगति नहीं हो पाई है और हर बार इसे शुरू करने को लेकर समस्याएं और बाधाएं आती हैं.
भजनलाल सरकार में ऑनलाइन आवास आवंटन का काम अभी सिरे नहीं चढ़ पाया है और इस बार भी सरकारी कर्मियों का डाटा का काम पूरा नहीं हो पाया है. सामान्य प्रशासन विभाग चाह रहा है कि डाटा का काम पूरा हो और फिर योजना बनाई जाए.
अब तक क्या हुआ?:
-करीब 7 साल पहले आवास आवंटन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया हुई थी शुरू.
-सरकारी कर्मियों का पूरा सर्विस रिकॉर्ड और डाटाबेस अपडेट करने का काम किया था शुरू.
-जब सब कुछ सही हो गया तो पूर्व सचिव ने उन आवेदकों को फिर आवेदन को कहा,जिन्होंने 1.07.2021 से पूर्व ऑफलाइन आवेदन किया था.
-ऐसे आवेदकों को तीन अलग-अलग बार समय बढ़ाते हुए ऑनलाइन आवेदन के लिए भी दिए करीब 8-9 माह.
-उस समय अंतिम बार समय वृद्धि करते हुए लिए गए ऑनलाइन आवेदन.
-इसके बाद 850 पुराने और 700 नए आवेदक आये थे सामने.जिसके बाद ऑनलाइन आवास आवंटन के लिए एक बार कह दिया गया था.
-लेकिन विशिष्ट सचिव ने फिर परिपत्र जारी करके दिया समय.1 जुलाई 2021 से पूर्व ऑफलाइन आवेदकों को 3 माह का दिया था ऑनलाइन आवेदन का समय.
-अब भजनलाल सरकार में इस प्रक्रिया के सिरे चढ़ने की उम्मीद है.
पूर्व में यह हुई थी प्रक्रिया:
-दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग ने 2012 के पेंडिंग आवेदकों के मामलों के समाधान के लिए ऐसे आवेदकों को पुनः आवेदन के लिए निर्देश दिए थे जिसमें उन्हें
-यह स्पष्ट करना था कि आवेदकों में से कुछ ने खुद के मकान तो नहीं बना लिए या उनके नाम अचल संपत्ति तो नहीं है.
-उन्हें यह वस्तुस्थिति बतानी थी कि क्या वे सेवानिवृत्त तो नहीं हो गए या उनका तबादला तो नहीं हो गया या फिर जिनके नाम आवंटन है उनकी मौत तो नहीं हो गई.
-यह भी स्पष्ट किया गया कि उनकी वरीयता रहेगी पहले वाली ही.
-उधर विभागों से आवास के लिए आवेदन करने वालों की भी सूची मांगी गई.
-उनसे पूछा गया है कि उन्होंने आवेदन किया था तो आवास की जो प्राथमिकता थी, आज भी वो उसी श्रेणी का उसी प्राथमिकता में आवास लेना चाहते है या नहीं.
-इसके साथ ही कर्मचारियों को आवंटित आवास में उनकी जगह अन्य कोई कर्मचारी रह रहे हैं तो उन कार्मिकों पर भी नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए.
-इससे यह फायदा हुआ था कि करीब 2012 की 6000 वेटिंग क्लियर हो गई.
-पहले नए और पुराने आवेदक मिलाकर आवंटन प्रक्रिया की जानी थी लेकिन अब पुराने आवेदकों को फिर मौका देने के बाद अब आठ सौ नए आवेदकों के ऑनलाइन आवंटन का काम शुरू होगा. सरकारी आवासों को लेकर जीएडी ने पूर्व में सर्वे भी किया और अब फिर एक बार सर्वे किया जा सकता है. अब ऑनलाइन आवंटन प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू होने के बाद अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई बाकी है.