जयपुर: राजस्थान के कांग्रेस नेताओं ने इस बार दूसरे राज्यों में भी खूब प्रचार किया. सचिन पायलट, अशोक गहलोत, गोविंद डोटासरा, टीकाराम जूली औऱ हऱीश चौधरी सहित कईं दिग्गजों ने दूसरे राज्यों में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए कैंपेन किया. बाहरी राज्यों में प्रचार करने में सचिन पायलट इस बार सबसे आगे रहे. उसके बाद गहलोत औऱ जूली ने भी अन्य राज्यों में प्रचार में पसीना बहाया.
लोकसभा चुनाव 2024 की जंग जीतने के लिए चुनावी शोर पर कल ब्रेक लग गए. अब सब किसका प्रचार ज्यादा रहा और किस नेता ने कैम्पेन में ज्यादा जोर लगाया इसको लेकर आकलन कर रहे है. बात राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की दूसरे राज्यों में प्रचार की करें तो सचिन पायलट इस मामले में इस बार आगे रहे.
राजस्थान कांग्रेस के टॉप नेताओं के अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार के आंकड़े
सचिन पायलट-
पायलट ने इस बार राजस्थान के अलावा करीब 14 राज्यों में प्रचार किया...पायलट ने करीब 50 लोकसभा क्षेत्र में कई सभाएं,रैलियां और रोड़ शो किए. उनके समर्थकों का दावा है कि पायलट ने करीब 100 सभाएं और रैलियां की. पायलट ने छत्तीसगढ़, केरल, एमपी, हरियाणा, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, आंध्रप्रदेश और पंजाब में प्रचार किया.
अशोक गहलोत-
पूर्व सीएम गहलोत ने भी कईं अन्य राज्यों में प्रचार किया. गहलोत ने एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे स्टेट में कैम्पेन किया. गहलोत ने करीब दो दर्जन सभाएं की हालांकि गहलोत को अमेठी सीट का पर्यवेक्षक बना दिया था. इस अहम जिम्मेदारी के चलते फिर गहलोत अन्य राज्यों में प्रचार के लिए नहीं जा पाएं. वहीं बाद में स्लिप डिस्क बीमारी की समस्या के चलते पंजाब का दौरा रद्द कर दिया था.
टीकाराम जूली-
बाहरी राज्यों में प्रचार करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष जूली तीसरे पायदान पर रहे. जूली ने हरियाणा और पंजाब में कईं सभाएं की हरियाणा में जूली ने करीब एक दर्जन सभाओं और रैलियों में हिस्सा लिया. वहीं पर्यवेक्षक के तौर पर पंजाब की गुरदासपुर सीट पर जूली ने 11 दिन प्रचार किया. इस दौरान जूली ने कईं सभाओं,नुक्कड़ सभा,वाहन रैली और रोड शो में हिस्सा लिया.
गोविंद डोटासरा-
पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने भी कईं दूसरे राज्यों में प्रचार किया. डोटासरा ने यूपी, दिल्ली और पंजाब में प्रत्याशिय़ों के लिए पसीना बहाया. डोटासरा ने अमेठी, रायबरेली और गुरदासपुर जैसी सीटों पर दर्जनों सभाएं और रैलियां की.
मरुभूमि के कांग्रेस के इन राजनेताओं के अलावा अन्य सीनियर लीडर्स औऱ विधायकों ने भी दूसरे राज्यों में प्रचार किया. लेकिन उनका प्रचार बतौर पर्यवेक्षक पर्टिकुलर उस सीट के प्रचार तक ही सीमित रहा. सीपी जोशी, हरीश चौधरी, रघु शर्मा, नीरज डांगी, रफीक खान, दानिश अबरार और गोविंद मेघवाल का नाम उनमें शुमार है. दरअसल राजस्थान के नेताओं को बाहरी राज्यों में प्रचार की जिम्मेदारी जातिगत औऱ सियासी समीकरण साधने के साथ उनके कद औऱ अनुभव को देखते हुए दी थी. अधिकतर नेताओं को पड़ौसी राज्यों औऱ दिल्ली में ही प्रचार की कमान दी गई.