अब निष्क्रिय पदाधिकारियों की होगी छुट्टी, राजस्थान कांग्रेस ने किया फार्मूला तैयार, देखिए खास रिपोर्ट

​जयपुरः आखिरकार कांग्रेस ने निष्क्रिय पदाधिकारियों की हटाने की तैयारियां शुरु कर दी है. निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी के लिए राजस्थान कांग्रेस ने एक फार्मूला तैयार किया है. इस फार्मूले के तहत जो पदाधिकारी बिना बताए लगातार तीन बैठकों से गैर हाजिर रहेगा,उसे हटा दिया जाएगा.

पार्टी में पद लेकर फिर घर बैठने वाले निष्क्रिय कांग्रेस पदाधिकारियों पर अब गाज गिरने वाली है. राजस्थान कांग्रेस लंबे समय से निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की कवायद में जुटी हुई थी. इसके लिए पहले बाकायदा तथ्यों सहित एक डिटेल रिपोर्ट भी तैयार कराई थी. लेकिन बाद में हटाने की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई. अब एक बार फिर कांग्रेस ने निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने के प्रयास शुरु कर दिया है. इसके लिए पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने एक फॉर्मूला ईजाद किया है.

-कांग्रेस के निष्क्रिय पदाधिकारियों की होगी छुट्टी-
निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने का फार्मूला किया तैयार
लगातार 3 बैठकों से नदारद रहने वाले पदाधिकारियों की होगी छुट्टी
पीसीसी,जिला,ब्लॉक औऱ मंडल स्तर के पदाधिकारियों पर होगा फार्मूला लागू
गैरहाजिर रहने वाले पदाधिकारियों की सबूतों सहित पहले होगी रिपोर्ट तैयार
सिर्फ उन्हीं पदाधिकारियों को राहत मिलेगी जो नहीं आने का पहले कारण बता देंगे
जिला,ब्लॉक और मंडल लेवल के निष्क्रिय पदाधिकारियों को प्रदेश नेतृत्व हटाएगा
वहीं निष्क्रिय पीसीसी पदाधिकारियों की रिपोर्ट जाएगी दिल्ली
क्योंकि पीसीसी पदाधिकारियों को हटाने और बनाने का अधिकार है AICC को

दरअसल राजस्थान कांग्रेस ऐसे पदाधिकारियों से लंबे समय से परेशान थी. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा कईं बार निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं. उनका साफ कहना है कि ऐसे पदाधिकारी किस काम के जो पद लेकर पार्टी के लिए काम नहीं करते और ना बैठकों औऱ अन्य कार्यक्रमों में आते हैं. हाल ही में डोटासरा जब जोधपुर गए थे तब वहां की जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक में करीब 50 फीसदी पदाधिकारी गैरहाजिर थे.ऐसे में डोटासरा ने जयपुर लौटते ही निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने का यह फार्मूला तैयार कर दिया. 

दरअसल विपक्ष के तौर पर संगठन को तभी सक्रिय रखा जा सकता है जब पदाधिकारी और नेता एक्टिव हो. अब देखना है कि पार्टी में यह फार्मूला कितना गंभीरता से लागू होता है और इसकी जद में कितनी निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी होती है.

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