मुंबई: रतन टाटा पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर रतन टाटा का अंतिम संस्कार हुआ. राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया. गृह मंत्री अमित शाह, सीएम एकनाथ शिंदे, गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल, देवेंद्र फडणवीस सहित कई हस्तियां इस दौरान मौजूद रहीं.
बता दें कि उद्योगपति रतन टाटा का कल देर रात निधन हो गया था. 86 वर्ष की उम्र में टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा के निधन पर राजकीय शोक की घोषणा की गई. महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने की एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की.
रतन टाटा अपने 75वें जन्मदिन पर टाटा समूह से रिटायरमेंट लिया था. उन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे थे. रतन टाटा की स्कूल शिक्षा मुंबई में हुई.
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया. रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह के साथ अपना करियर प्रारंभ किया. 1991 में जेआरडी टाटा के बाद समूह के 5वें अध्यक्ष बने. रतन टाटा को 2000 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया. रतन टाटा ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण किया. नैनो जैसी लखटकिया कार बनाकर आम आदमी का कार का सपना साकार किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने व्यक्त की संवेदनाः
उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दु:ख जताया. रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे आइकन को खो दिया है. जिन्होंने कॉर्पोरेट विकास को राष्ट्र निर्माण और उत्कृष्टता को नैतिकता के साथ जोड़ा. पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, उन्होंने टाटा की महान विरासत को आगे बढ़ाया. और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति दी. उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया. परोपकार और दान के लिए उनका योगदान अमूल्य है. मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं.
पीएम मोदी ने जताया शोकः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया. उन्होंने कहा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, दयालु और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए अटूट प्रतिबद्ध रहे. जिसके कारण लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने जताया दुखः
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दु:ख जताया. रतन नवल टाटा के निधन से हमने भारत के एक अमूल्य सपूत को खो दिया. एक ऐसे परोपकारी व्यक्ति जिनकी भारत के समावेशी विकास और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता सर्वोपरि थी. टाटा स्पष्ट निष्ठा और नैतिक नेतृत्व के पर्याय थे. वे लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा और आदर्श थे. और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में भरपूर योगदान दिया. उनके प्रियजनों और प्रशंसकों के प्रति हमारी संवेदनाएं.