जयपुरः रेरा राजस्थान के आदेश चलते गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं का जेडीए में नियमन अटक गया है. जेडीए ने मामले में विधिक राय लेने का फैसला किया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट-
रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी राजस्थान (रेरा राजस्थान) ने सबसे पहले 24 सितंबर 2021, फिर 27 सितंबर 2021 और इसके बाद 14 मार्च 2023 को प्रदेश भर के निकायों के लिए आदेश जारी किए. इन आदेशों का सार था कि कुछ श्रेणियों को छोड़कर योजना चाहे निजी विकासकर्ता की हो या गृह निर्माण सहकारी समिति की, इन योजनाओं का रेरा कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य है. लेकिन पिछली सरकार में 2 अक्टूबर 2021 से शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान में जेडीए ने रेरा कानून में बिना रजिस्ट्रेशन कराए गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं का नियमन कर दिया. लेकिन अब जेडीए ने मामले में विधिक राय लेने का फैसला किया है. रेरा राजस्थान की ओर से 13 अप्रेल 2023 को जेडीए को एक पत्र भेजा गया. आपको बताते हैं कि इस पत्र में स्पष्ट तौर पर रेरा राजस्थान ने क्या कहा और जेडीए ने इसकी कितनी पालना की.
- रेरा राजस्थान ने जेडीए को बताया कि किन योजनाओं का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं हैं
-रेरा कानून प्रदेश् में 1 मई 2017 को लागू किया गया था
-इस तिथि से पहले जिस योजना के कम से कम एक भूखंड का पट्टा जारी किया जा चुका हो
-अथवा इस तिथि से पहले 60 प्रतिशत या उससे अधिक भूखंडों का कब्जा आवंटियों को सौंपा जा चुका हो
-अथवा इस तिथि से पहले 50 प्रतिशत से अधिक विकास शुल्क संबंधित निकाय में जमा कराया जा चुका हो
-ऐसी योजना का रेरा कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराया जाना जरूरी नहीं हैं
-इन श्रेणियों में शामिल नहीं होने वाली योजनाओं के ले आउट प्लान का रेरा कानून के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी है
-रेरा के आदेश के अनुसार रजिस्ट्रेशन के लिए अगर संबंधित गृह निर्माण सहकारी समिति या विकास समिति आगे नहीं आती है तो
-जेडीए को खुद के स्तर पर रेरा कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए
-रेरा के इन आदेशों के बावजूद बिना रजिस्ट्रेशन कराए जेडीए ने गृह निर्माण सहकारी समिति की योजनाओं का नियमन कर दिया
-नियमन करते हुए इन योजनाओं के भूखंडधारियों को जेडीए ने पट्टे जारी कर दिए
-बिना रजिस्ट्रेशन के गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं के नियमन के कुछ मामलों में रेरा राजस्थान ने जेडीए को नोटिस भी दिए हैं
गृह निर्माण सहकारी समितियों की योजनाओं के नियमन के मामले में जेडीए अब विधिक राय लेने की तैयारी कर रहा है. नियमन नहीं होने से प्रभावित भूखंडधारियों का आरोप है कि जेडीए मामले में दोहरा रवैया अपना रहा है.
-नियमन अटकने से प्रभावित भूखंडधारियों का कहना है कि पहले भी जेडीए ने योजनाओं का नियमन किया गया
-जबकि रेरा का आदेश तो उस समय भी लागू था
-जेडीए ने अक्टूबर 2023 में गृह निर्माण सहकारी समिति की कुछ योजनाओं के नियमन के लिए नियमन शिविर का कार्यक्रम भी आयोजित किया
-जोन 11 स्थित डी नारायण विहार योजना का भी नियमन शिविर का कार्यक्रम आयोजित किया गया
-लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के चलते शिविर नहीं लगाए गए
-भूखंडधारियों का कहना कि जब शिविर का कार्यक्रम आयोजित कर लिया गया
-तो फिर अब क्यों योजना का नियमन नहीं किया जा रहा है
-अब क्यों रेरा के आदेश के चलते उनकी योजनाओं का नियमन अटकाया जा रहा है
जानकारों के अनुसार जेडीए को इस मामले का जल्द कोई हल निकालना चाहिए. ताकि नियमों के फेर में फंसे भूखंडधारियों को राहत दी जा सके.