VIDEO: सत्र के अंतिम फेरे पर जयपुर आई शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स, ऑफ सीजन में आध्यात्मिक टूर पर चलाने की योजना पर नहीं हुआ निर्णय

जयपुर: चार दशक से देश दुनिया के पर्यटकों की पहली पसंद रही शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स आज सत्र के अंतिम फेरे पर जयपुर पहुंची. चालू सत्र में शाही ट्रेन को पहली बार निजी ऑपरेटर द्वारा संचालित किया गया. सत्र में दर्जनभर फेरे रद्द रहे और जिन 21 फेरों में ट्रेन संचालित की गई उनमें 790 पर्यटकों ने यात्रा की. 

शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन 42 वर्षों से किया जा रहा है. इस दौरान इसके तीन रैक बदले और सुविधाओं का हर वर्ष अपग्रेडेशन भी किया गया. कोरोना के दौर में पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन दो वर्ष से ज्यादा समय बंद रहा लेकिन पर्यटन निगम पूरी शिद्दत से शाही ट्रेन की ट्रेक पर वापसी के सफल प्रयास किए. शाही ट्रेन के संचालन के लिए पहली बार ओ एंड एम ऑपरेटर से अनुबंध किया गया. पर्यटन निगम का यह प्रयोग सफल रहा. पहले ही सत्र में निजी ऑपरेटर ने शाही ट्रेन के 21 फेरे संचालित किए जिनमें करीब 790 पर्यटकों ने यात्रा की. औसतन 37 पर्यटकों ने प्रति फेरे यात्रा की और शाही ट्रेन का कुल यात्रीभार करीब 45 प्रतिशत रहा. हालांकि ये आंकडे बहुत ज्यादा उत्साहजनक नहीं हैं लेकिन अगले सत्र के लिए उम्मीद जरूर जगाते हैं. 

पर्यटन निगम की एमडी अनुपमा जोरवाल का कहना है कि शाही ट्रेन की सुविधाओं में और सुधार तथा निजी ऑपरेटर से बेहतर समन्वय की दिशा में कार्य चल रहा है. जल्द ही चार रात औश्र तीन दिन के आध्यात्मिक टूर को लेकर भी योजना तैयार की जा रही है. मैरिज ऑन व्हील्स और कांफ्रेंस ऑन व्हील्स तथा प्री और पोस्ट मैरिज शूट की भी योजना पर काम चल रहा है. शाही ट्रेन के सत्र समापन टूर पर आज 7 देशों के 34 पर्यटक जयपुर आए. इनका गांधीनगर स्टेशन पर जोरदार स्वागत किया गया. ओ एंड एम निदेशक प्रदीप बोहरा का कहना है कि शाही ट्रेन की सुविधाओं को अपग्रेड किया गया और अगले सत्र के लिए अभी से एडवांस बुकिंग मिलना काफी उत्साहजनक है.

दरअसल पैलेस ऑन व्हील्स दुनिया की दूसरी लग्जरी टूरिस्ट ट्रेन के तौर पर पहचानी जाती है. शाही ट्रेन को राजस्थान और भारत के सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर वैश्विक पर्यटन इंडस्ट्री में पहचान मिली है. चार दशक बाद शाही ट्रेन का संचालन निजी हाथों में है. प्रयोग खासा सफल रहा है अब अगले सत्र के लिए पर्यटन निगम को निजी ऑपरेटर को शाही ट्रेन के अपग्रेडेशन और समन्वय के लिए ज्यादा प्रयास करने होंगे ताकि सितंबर से शुरू होने वाले सत्र में शाही ट्रेन में पर्यटकों की आवक को और ज्यादा बढ़ाया जा सके.