VIDEO: सांभर झील की आभा गुलाबी, प्रवासी फ्लेमिंगो की जोरदार आवक से क्षेत्र हुआ सजीव, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान की प्रसिद्ध सांभर झील इस सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षियों की बेमिसाल आवक का गवाह बन रही है. विशेष रूप से **लेसर फ्लेमिंगो** और **ग्रेटर फ्लेमिंगो** की बड़ी तादाद ने इस इलाके की आभा को गुलाबी रंग से भर दिया है. इन पक्षियों के आगमन से सांभर झील का प्राकृतिक दृश्य और भी अधिक आकर्षक और जीवंत हो गया है, जिससे न केवल पर्यावरण प्रेमियों में खुशी का माहौल है, बल्कि स्थानीय लोग और पर्यटक भी इस अद्भुत दृश्य का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

सांभर झील में हर साल सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का स्वागत करती है. हालांकि इस वर्ष इन पक्षियों का आगमन कुछ विशेष तरीके से हुआ है. **लेसर फ्लेमिंगो** और **ग्रेटर फ्लेमिंगो**, जिनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, ने झील के पानी में अपनी गुलाबी छटा बिखेर दी है. इन पक्षियों के झुंडों का झील में एकत्रित होना न केवल एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में भी सकारात्मक संकेत प्रदान करता है. सांभर झील में इस समय लाखों प्रवासी पक्षी मौजूद हैं, जिनमें फ्लेमिंगो के अलावा पेलिकन, बत्तख, सैंडपाइपर और हंस जैसी अन्य प्रजातियां भी शामिल हैं. विशेष रूप से फ्लेमिंगो के बड़े झुंड सांभर के पानी में अपनी गुलाबी पंखों के साथ एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे देख कर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. यह दृश्य प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक शानदार अवसर बन चुका है. यह प्रवासी पक्षियों का आगमन सांभर झील के पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत को भी दर्शाता है. पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, इन पक्षियों का समय पर झील में आना और वहां रहना यह संकेत है कि क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र सही दिशा में है. झील में पानी की गुणवत्ता और आसपास के पर्यावरण की स्थिति में सुधार ने पक्षियों को इस क्षेत्र में अपना प्रवास बनाने के लिए प्रेरित किया है. इससे यह साबित होता है कि सांभर झील का पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी स्थिर है और यह जीवों के लिए एक उपयुक्त आवास प्रदान करता है.

हालांकि, सांभर झील के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता को देखते हुए यह भी महत्वपूर्ण है कि क्षेत्रीय प्रशासन और समुदाय इस प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं. विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण, जल स्तर में गिरावट और मानव गतिविधियों के कारण भविष्य में इस तरह के प्रवास में रुकावट आ सकती है. इसलिए, झील की सफाई, जल संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए. सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बढ़ती संख्या ने इस क्षेत्र में इको-टूरिज्म के अवसरों को भी उजागर किया है. पर्यटक अब यहां आकर पक्षी दर्शन का आनंद ले सकते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है. स्थानीय लोग, जो पहले कृषि पर निर्भर थे, अब पक्षी पर्यटन से जुड़कर अपनी आजीविका में सुधार कर रहे हैं. सांभर झील की आभा इन दिनों पूरी तरह से गुलाबी हो गई है, और यह दृश्य न केवल क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी उजागर करता है.

फ्लेमिंगो और अन्य प्रवासी पक्षियों का आगमन इस बात का संकेत है कि यदि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही तरीके से संरक्षण करें, तो आने वाली पीढ़ियाँ भी इस अद्भुत प्राकृतिक धरोहर का आनंद ले सकेंगी. यह समय है जब हम अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारी को समझें और सांभर झील जैसे स्थलों के संरक्षण में अपना योगदान दें.