एक्शन में SOG, फर्जी डिग्री से नौकरी लगने वालों पर गिरेगी गाज, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

जयपुरः फर्जी डिग्री प्रकरण में अब एसओजी ने बडा एक्शन लेने की ठानी है. एसओजी ने फर्जी डिग्री  और सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी लगने वाले दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों  चिन्हित कर लिया है इन सरकारी कर्मचारियों के विभागों को एसओजी ने सूचना देना शुरू कर दिया है. चिन्हित इन कर्मचारियों की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. देखिए ये रिर्पोट.

एक तरफ उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण की जांच और साथ ही फर्जी डिग्री के माध्यम से सरकारी नौकरी लगने का मामला. अब एसओजी दोनों ही मामलो में लगातार आगे बढते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करती नजर आ रही है. अब एसओजी फर्जी  डिग्री और सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी लगे कर्मचारियों को चिन्हित कर रही है. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ  से मिली जानकारी के आधार पर उन सरकारी कर्मचारियों के  विभागों को सूचना दी जा रही  है. जल्द ही इन सभी सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी की जाएगी. इसके लिए आवश्यक सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इस गिरोह के सदस्य कई विश्वविद्यालयों में फैले हुए है, उनका भी गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है. फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकारी नौकरी लगने वाले लोगों की संख्या थ्री डिजीट में है. फिलहाल इनकी तस्दीक की जा रही है. एसओजी अधिकारियेां के माने तो काफी व्रहद स्तर पर इन लोगो की संख्या है. ऐसे में कडी से कडी मिलाकर दोषियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.

एसओजी अधिकारियों की माने तो इस मामले में अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और गिरफ्तारी के बाद  सुभाष् पूनिया, परमजीत और प्रदीप के घर की तलाशी ली जा चुकी है। तलाशी में आरोपी प्रदीप के चुरू निवास पर 20 ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की मार्कशीट,  ओपीजेएस की  माइग्रेशन सर्टिफिकेट 25 खाली और 32 भरे हुए,  प्रोविजनल सर्टिफिकेट 66 खाली और 8 भरे, ओपीजेएस विश्वविद्यालय के चरित्र प्रमाण पत्र 40 खाली और 5 भरे हुए, तीन विश्वविद्यालयों की 7 जाली मुहर,परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं 44 खाली 30 भारी हुई,चार डायरी जिसमें डिग्री  के संबंध में लाखों रुपए के लेन देन का हिसाब,दो लाख तीन हजार रुपए नगद,लैपटॉप जिसने अभ्यर्थियों का डेटा और हिसाब किताब अंकित है का हार्ड डिस्क मिली थी। आरोपी प्रदीप की स्वयं की एमएससी, एमबीए, पीएचडी इन कम्प्यूटर साइंस की डिग्री के अलावा संपति के दस्तावेज जब्त किए गए। ऐसे में ये स्पष्ट हो गया है की यह गिरोह पिछले काफी समय से इस गौरखधंधे में लिप्त है.

बहरहाल एसओजी कडी से कडी मिलाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है..साथ ही एसओजी के अधिकारी सरकारी विभाग के अफसरो से अपील कर रहे है की उनके विभाग में कोई नई नियुक्ति हुई हो तो एक बार उसे चेक कर ले की वास्तव में उस सीट पर बैठा व्यक्ति वो ही है जिसने परीक्षा पास की है..ऐसे में अब जिम्मेदारी हमारी बनती है की इस प्रकरण में अगर कोई भी जानकारी या सूचना आपके पास हो तो उसे तुरंत एसओजी के अधिकारियों से साझा करे. सत्यनारायण शर्मा,फर्स्ट इंडिया न्यूज,जयपुर