नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियों को हो रही फंडिंग की जानकारी मिलना बेहद जरूरी है.
इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. जनता को दलों की फंडिंग कि जानकारी होनी चाहिए. बॉन्ड को ऐसी प्राइवेसी नहीं दी जा सकती. फैसले पर जजों की एक राय है. बड़ा चंदा गोपनीय रखना असंवैधानिक है. काले धन पर अंकुश के लिए RTI का उल्लंघन उचित नहीं है. गुप्त फंडिंग रिश्वत का जरिया बन सकता है. IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक है.
बैंकों को चुनावी बॉन्ड जारी करने पर रोक लगाने सहित अभी तक के चुनावी बॉन्ड को वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग को 31 मार्च 2024 तक चुनावी बॉन्ड वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे.
#Delhi: चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट से राजनैतिक पार्टियों को झटका
— First India News (@1stIndiaNews) February 15, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने माना चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए चुनावी बॉन्ड का खुलासा होना आवश्यक...#ElectoralBonds #SupremeCourt #FirstIndiaNews @ECISVEEP pic.twitter.com/HUEEmbekua