नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट से क्रेडिट कार्ड धारकों को बड़ा धक्का लगा है. समय पर पूरा भुगतान नहीं करने पर अधिक ब्याज देना होगा. वर्ष 2008 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है.
क्रेडिट कार्ड बकाया पर 30% से अधिक ब्याज वसूली को आयोग द्वारा गलत बताया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोग के फैसला रद्द करने के बाद क्रेडिट कार्ड धारकों को ब्याज देना होगा.
बैंक को समय पर पूरा भुगतान नहीं करने अथवा डिफॉल्ट की श्रेणी में आने पर ब्याज देना होगा. बैंक के अनुसार तय 30% से 50% तक का नीयत ब्याज देना होगा.